IND v AFG: अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट में तय होगा अजिंक्य रहाणे का भविष्य !

अफगानिस्तान के खिलाफ शुरू हो रहे एक मात्र टेस्ट में जहां स्पिनरों की बेहतरीन जंग देखने को मिलेगा वहीं भारतीय बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे के लिए यह मौका किसी जैकपॉट से कम नहीं है। लगातार खराब प्रदर्शन से जूझ रहे इस सलामी बल्लेबाज को यह टेस्ट संजीवनी दे सकती है। हालांकि इंग्लैड दौरे के लिए एकदिवसीय मैचों में उनकी जगह केएल राहुल या अंबाती रायुडू का चुना जाना साफ संकेत देता है कि जल्द ही अगर उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित नहीं किया तो विश्व कप एकादश में जगह मिल पाना उनके लिए मुश्किल होगा। अफगानिस्तान के खिलाफ यह टेस्ट उनके करिअर के लिहाज से काफी महत्त्वपूर्ण होने वाला है। कभी भारतीय टीम के लिए मध्यक्रम में उम्दा खेल दिखाने वाले रहाणे के लिए एक यही मौका है जब वे खुद को साबित कर भारत के आगामी विदेशी दौरे पर टीम चयनकर्ताओं को लुभा सकते हैं। दरअसल, रहाणे बीते कुछ समय से लगातार फ्लॉप साबित हो रहे हैं। हाल में समाप्त हुए आईपीएल में ऑस्ट्रेलिया के धुरंधर स्टीवन स्मिथ के निलंबन ने राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी के सहारे उन्हें बड़ा मौका दिया। हालांकि रहाणे इसे भुनाने में पूरी तरह से नाकाम रहे। लीग के 15 मैचों में उन्होंने महज 370 रन बनाए। इस दौरान भी उनकी बल्लेबाजी पर सवाल उठे। 2018 में खेले छह एक दिवसीय मैचों में रहाणे ने 35 की औसत से महज 140 रन बनाए। इस दौरान उनका उच्चतम स्कोर 79 रन रहा है। वहीं 2017 के दौरान 12 मैच खेलकर रहाणे ने 48.83 की औसत से 586 रन बटोरे थे। इससे साफ दिख रहा है कि 2018 के दौरान रहाणे की बल्लेबाजी में वो धार नहीं जिसके लिए उन्हें जाना जाता है। बात जब भारतीय टीम में जगह बनाने की हो तो वर्तामान समय में यह काफी मुश्किल है क्योंकि आप चूके नहीं कि प्रतिभाओं का अंबार वापसी के दरबाजे बंद कर देता है।

टेस्ट में भी रहाणे खो रहे चमक

अजिंक्य रहाणे को विदेशी पिच ज्यादा रास आता है। घरेलु मैदान पर उनका प्रदर्शन उतना बेहतरीन नहीं है जितना विदेशी पिच पर है। हालांकि उनके पिछले पांच प्रदर्शन यह बता रहे हैं कि वे टेस्ट में अपनी चमक खो रहे हैं। श्रीलंका के खिलाफ 12 अगस्त 2017 को खेले गए टेस्ट में उन्होंने 48 गेंद में 17 रन की पारी खेली थी। वहीं नवंबर-दिसंबर में उसी के खिलाफ खेले गए तीन टेस्ट में उन्होंने महज 17 रन बनाए। जनवरी 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए तीसरे टेस्ट की पहली पारी में नौ रन बनाने वाले रहाणे ने दूसरी पारी में 68 गेंद में 48 रन बनाए जिससे एक उम्मीद जगी की वो फिर से फॉर्म में लौट आए हैं। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले एक दिवसीय में उन्होंने 79 रन की बेहतरीन पारी खेली और भरोसा दिलाया कि भारत का मध्य क्रम फिर से मजबूत कंधों पर है। दूसरे एक दिवसीय में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन तीसरे में फिर से वे फेल हुए और महज 11 रन बनाकर पवेलिय लौट गए। चौथे और पांचवे एक दिवसीय में भी वे महज आठ-आठ रन ही बना सके।

टी-20 में भी नहीं छोड़ पाए प्रभाव

रहाणे के लगातार गिरते प्रदर्शन ने एक तरफ चयनकर्ताओं को परेशान किया तो दूसरी तरफ वे खुद भी उबने लगे थे। टी-20 में भी रहाणे की बल्लेबाजी कोई कमाल नहीं कर पा रही थी। यही कारण था कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टी-20 मैचों में उन्हें टीम में नहीं शामिल किया गया। पिछले पांच मैचों में श्रीलंका, पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेलकर रहाणे ने अपने खाते में महज 73 रन अपने खाते में जोड़े। अब अफगानिस्तान के खिलाफ एक मात्र टेस्ट के दौरान बेहतर स्कोर कर उनके पास भारतीय टीम में जगह पक्का करने का मौका है। अगर वे यहां भी चूक जाते हैं तो उनके लिए आगे वापसी की राह कठिन होगी।

Edited by Staff Editor
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