दिलीप ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में वेस्ट जोन के कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने यशस्वी जायसवाल ( Yashasvi Jaiswal) को मैदान से बाहर भेज दिया था। यशस्वी जायसवाल लगातार विरोधी टीम के बल्लेबाजों को स्लेज कर रहे थे और जब रहाणे के कहने पर भी वो नहीं माने तब फिर उन्हें मैदान से बाहर भेज दिया गया। मैच के बाद कप्तान रहाणे ने बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। अजिंक्य रहाणे के मुताबिक किसी भी खिलाड़ी को अनुशासन में रहना और विरोधी टीम का सम्मान करना काफी जरूरी है।
दरअसल साउथ जोन की टीम जब बल्लेबाजी कर रही थी तो इसी दौरान उनके बल्लेबाज रवि तेजा और यशस्वी जायसवाल के बीच कुछ कहासुनी हुई। यशस्वी जायसवाल लगातार बल्लेबाजों को स्लेज कर रहे थे और इसके लिए उन्हें अंपायरों ने वॉर्निंग भी दी। जब अंपायरों के मना करने के बावजूद यशस्वी जायसवाल नहीं रुके तब अजिंक्य रहाणे ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद यशस्वी नहीं माने। इससे गुस्सा होकर रहाणे ने उन्हें मैदान से बाहर भेज दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
विरोधी टीमों का सम्मान करना जरूरी है - अजिंक्य रहाणे
मैच के बाद कप्तान रहाणे ने कहा 'आपको नियमों का पालन करना होगा और गेम, विरोधी टीम और अंपायर्स का सम्मान करना चाहिए। मैंने हमेशा विरोधी टीम, अंपायरों और मैच ऑफिशियल्स का सम्मान किया है। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो फिर मैदान से बाहर जाना पड़ेगा। ये मेरा सिद्धांत है। इसलिए कुछ चीजों को खास तरीके से ही हैंडल करना पड़ता है।'
आपको बता दें कि इस विवाद के बावजूद वेस्ट जोन ने दिलीप ट्रॉफी 2022 का फाइनल मुकाबला अपने नाम कर लिया है। कोएंबटूर में खेले गए फाइनल मैच में वेस्ट जोन ने साउथ जोन को 294 रनों के विशाल अंतर से हराया। यशस्वी जायसवाल को दूसरी पारी में उनके जबरदस्त दोहरे शतक के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।