भारतीय टीम (Indian Team) के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने सिडनी टेस्ट मैच में नस्लभेद का शिकार होने को लेकर प्रतिक्रिया दी है। रहाणे के कहना है कि सिडनी में ऐसा लगातार होता रहा है। उन्होंने भारतीय टीम के टेस्ट मैच के दौरान हुई घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भीड़ ने लगातार भारतीय टीम को परेशान किया।
ESPN से बातचीत में रहाणे ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि एडिलेड और मेलबर्न उतने बुरे नहीं थे। लेकिन सिडनी में यह लगातार होता रहा है। मैंने इसका अनुभव भी किया है। वे खराब चीजें करने की प्रवृत्ति रखते हैं। रहाणे ने कहा कि हमने गाली देने वालों को मैदान से बाहर करने पर ज़ोर दिया।
गौरतलब है कि अजिंक्य रहाणे को विराट कोहली की अनुपस्थिति में कप्तान बनाया गया था। टीम इंडिया ने इस टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को पराजित किया था। भारतीय टीम के आधा दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी उस सीरीज में चोटिल हो गए थे। इसके बाद नेट गेंदबाजों को भी डेब्यू करने का मौका मिला था। भारतीय टीम ने उस सीरीज को यादगार बना दिया था।
रहाणे ने सिडनी टेस्ट के चौथे दिन का जिक्र करते हुए कहा कि जब सिराज मेरे पास आया तब मैंने अम्पायरों से जाकर बात की और कहा कि अब आपको एक्शन लेना पड़ेगा, तब तक हम नहीं खेलेंगे। अम्पायरों ने कहा कि आप खेल को रोक नहीं सकते और चाहें तो वॉक आउट भी कर सकते हैं। हमने कहा कि हम यहां खेलने के लिए हैं न कि ड्रेसिंग रूम में बैठने के लिए और गाली देने वालों को मैदान से बाहर निकालने पर जोर दिया।
गौरतलब है कि सिडनी टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने शानदार संघर्ष किया और मुकाबले को ड्रॉ कराने में सफलता हासिल की।