भारतीय टीम के पूर्व उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) का मानना है कि रणजी ट्रॉफी में होने वाले मैचों में दिनों की संख्या चार की बजाय पांच होनी चाहिए। उन्होंने यह सुझाव नतीजों के लिहाज से दिया है। हाल ही में उनकी टीम मुंबई को महाराष्ट्र के खिलाफ ड्रॉ से संतोष करना पड़ा और टीम क्वार्टरफाइनल में जगह बनाने से चूक गई।
रणजी ट्रॉफी में केवल क्वार्टरफाइनल मुकाबले पांच दिनों के होते हैं, जबकि लीग राउंड में खेले जाने वाले मुकाबलों के लिए चार दिन ही निर्धारित होते हैं। ऐसे में कई बार टीमों को जीत की स्थिति में होने के बावजूद, दिनों की संख्या खत्म होने के कारण ड्रॉ से संतोष करना पड़ता है।
2022-23 रणजी ट्रॉफी से मुंबई के ग्रुप चरण से बाहर होने के बाद रहाणे ने यह टिप्पणी की। क्वालीफाई करने के लिए मुंबई को पहली पारी में सिर्फ बढ़त की जरूरत थी और उसने तीसरे दिन महाराष्ट्र के साथ अपनी पहली पारी के स्कोर की बराबरी की। इससे उन्हें चौथे और अंतिम दिन जीत दर्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अंतिम दिन महाराष्ट्र को आउट करने के बाद उसे 28 ओवर में 253 रन की जरूरत थी। मुंबई ने लक्ष्य का पीछा अच्छे से किया, लेकिन समय खत्म होने पर जीत से 58 रन दूर थी। खेल में अगर पांचवां दिन होता तो शायद मुंबई जीत भी जाती।
अजिंक्य रहाणे ने दिया फर्स्ट क्लास मैचों को पांच दिन का करने का सुझाव
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के हवाले से रहाणे ने कहा,
फर्स्ट क्लास क्रिकेट पांच दिवसीय क्रिकेट बन सकता है। हम पांच दिन में टेस्ट मैच खेलते हैं और पांच दिन में नतीजे की संभावना लगभग तय है। प्रत्येक खेल नतीजे की संभावना होना वाला होना चाहिए। सपाट पिचों पर चार दिवसीय मैचों में आपको वास्तव में परिणाम नहीं मिलते हैं। हमने अधिक से अधिक परिणाम हासिल करने की कोशिश की लेकिन यह चुनौतीपूर्ण हो जाता है। पांच दिवसीय क्रिकेट में ऐसा अधिक बार होता है। मुझे नहीं पता कि इसे कैलेंडर में कैसे फिट किया जा सकता है, लेकिन पांच दिवसीय क्रिकेट घरेलू क्रिकेटरों को फर्स्ट क्लास क्रिकेट की कठोरता में अभ्यस्त होने में मदद करेगा।