क्या अजिंक्य रहाणे का ख़राब फ़ॉर्म विराट कोहली और चयनकर्ताओं को कोई बड़ा फ़ैसला लेने पर मजबूर कर रहा है ?

RAHANE

वक़्त कभी किसी का एक जैसा नहीं होता, इस कथन को अजिंक्य रहाणे पूरी तरह सही साबित करते हुए नज़र आ रहे हैं। टेस्ट में टीम इंडिया के उप-कप्तान और राहुल द्रविड़ के उत्तराधिकारी के उपनाम से नवाज़े गए दाएं हाथ के बल्लेबाज़ अजिंक्य रहाणे का फ़ॉर्म पिछले कुछ समय से चिंता का सबब बना हुआ है। मुंबई के रहने वाले इस 29 वर्षीय मध्यक्रम के बल्लेबाज़ की प्रतिभा पर किसी को कोई संदेह नहीं है। आधुनिक टीम इंडिया की बैटिंग लाइन अप में रहाणे ने कई बेहतरीन पारियां खेली हैं और टीम की रीढ़ बने हैं। रहाणे की निरंतरता और संकटमोचक बनने का इनाम टीम मैनेजमेंट ने उन्हें भारतीय टेस्ट टीम का उप-कप्तान बनाकर दिया। लेकिन ऐसा लगता है मानो रहाणे के लिए इनाम उनकी बल्लेबाज़ी और फ़ॉर्म के आड़े आ गया। पिछले एक साल से कोहली के सहायक बनने के बाद रहाणे की बल्लेबाज़ी में अचानक गिरावट देखने को मिली है। जिसकी गवाही दे रहे हैं अजिंक्य रहाणे के पिछले नवंबर से किए गए प्रदर्शन। इस एक साल में टीम इंडिया के लिए नंबर-5 पर खेलने वाले रहाणे ने 11 मैच खेले हैं जिसमें 17 पारियों में उनके बल्ले से महज़ 543 रन आए हैं। इस दौरान रहाणे की बल्लेबाज़ी औसत भी बेहद साधारण 36.20 की रही और उन्होंने केवल एक शतक और 3 अर्धशतक बनाया। रहाणे जैसे लाजवाब बल्लेबाज़ के लिए ये आंकड़े बेहद मामूली हैं। श्रीलंका के ख़िलाफ़ मौजूदा सीरीज़ में तो रहाणे अब तक खेली 3 पारियों में 4 रन से आगे ही नहीं जा पाए हैं, कोलकाता की हरी पिच पर उन्होंने पहली पारी में 4 रन बनाए जबकि दूसरी पारी में स्कोरर को परेशान करने की भी ज़हमत नहीं उठाई। तो वहीं नागपुर टेस्ट में जहाँ 4 बल्लेबाज़ों ने शतक लगाया, जिसमें विराट कोहली ने दोहरा शतक जड़ा तो वहीं रहाणे इस पिच पर भी 2 रन बनाकर आउट हो गए। इतना ही नहीं इस मैच में क़रीब एक साल बाद वापसी कर रहे रोहित शर्मा ने भी नाबाद 102 रनों की पारी खेलते हुए रहाणे पर एक मानसिक दबाव बना दिया। भारत को अगले साल जनवरी में दक्षिण अफ़्रीका दौरे पर जाना है, जिसके लिए श्रीलंका के ख़िलाफ़ टेस्ट मैचों को कोहली और टीम मैनेजमेंट तैयारियों की तरह देख रही है। इस सीरीज़ में अच्छे प्रदर्शन का इनाम जहां प्रोटियाज़ दौरे के टिकट के तौर पर भी मिल सकता है, तो ख़राब प्रदर्शन टीम से पत्ता भी काट सकता है। रोहित शर्मा ने बेहतरीन पारी खेलते हुए चयनकर्ताओं पर एक दबाव ज़रूर बना दिया है कि अगर दक्षिण अफ़्रीका में टीम इंडिया 5 गेंदबाज़ों के साथ उतरी तो उस स्थिति में रोहित शर्मा या अजिंक्य रहाणे में से किसे तवज्जो दिया जाए ? वैसे भी अगर अजिंक्य रहाणे टेस्ट में कोहली के सहायक यानी उप-कप्तान हैं तो सीमित ओवर क्रिकेट में टीम इंडिया के वाइस कैप्टेन रोहित शर्मा हैं, यानी बल्लेबाज़ी से लेकर उप-कप्तानी तक में रहाणे का विकल्प रोहित के तौर पर तैयार है। हालांकि, जो आंकड़े अभी रहाणे के ख़िलाफ़ जा रहे हैं वही आंकड़े दक्षिण अफ़्रीका दौरे में उन्हें एडवांटेज भी दे रहे हैं। एशियाई सरज़मीं से बाहर अजिंक्य रहाणे का रिकॉर्ड शानदार रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर दाएं हाथ के इस छोटे क़द के बल्लेबाज़ ने 17 मैचों की 29 पारियों में 54.66 की बेहतरीन औसत से 1312 रन बनाए हैं, जिनमें 4 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। इतना ही नहीं प्रोटियाज़ दौरे पर पिछली बार रहाणे ने कुछ अच्छी पारियां खेली थीं। दक्षिण अफ़्रीका में रहाणे ने 2 मैचों की 4 पारियों में 69.66 की बेमिसाल औसत से 209 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 96 रहा है। यानी भले ही घरेलू ज़मीन पर रहाणे का फ़ॉर्म उनके साथ न हो पर विदेशी सरज़मीं पर उनके आंकड़े और पूर्व में किया गया प्रदर्शन कोहली और चयनकर्ताओं को एक बार फिर रहाणे पर भरोसा रखने की हिदायत देता है। दक्षिण अफ़्रीका में होने वाले पहले टेस्ट में तो कम से कम अजिंक्य रहाणे टीम में बने रहेंगे इसमें शायद ही किसी को संदेह होना चाहिए। RAHANE-1 अजिंक्य रहाणे की ख़ासियत है तेज़ और शॉर्ट पिच गेंदो के ख़िलाफ़ उनके ऑन द राइज़ ड्राइव और बैकफ़ुट कट शॉट, जो भारतीय उपमहाद्वीप की पिचों पर उन्हें रास नहीं आ रहा। कोहली भी जानते हैं कि अजिंक्य रहाणे प्रोटियाज़ दौरे पर कितनी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, लिहाज़ा उनके फ़ॉर्म को लेकर वह ज़्यादा परेशान नहीं हैं। लेकिन रोहित शर्मा का सही समय पर टीम में वापसी करना और शतक जड़ना कोहली को ये ज़रूर सोचने पर मजबूर कर सकता है कि दक्षिण अफ़्रीका में 6 बल्लेबाज़ों के साथ उतरा जाए या 5 गेंदबाज़ों के साथ ? मेरी नज़र में नागपुर टेस्ट में रोहित के इस शतक ने रहाणे की जगह को फ़िलहाल कोई नुक़सान नहीं पहुंचाया है, बल्कि 5 गेंदबाज़ों के साथ जाने के विकल्प पर सवालिया निशान लगा दिया है।