कई नामी क्रिकेटर्स ने विश्व की सर्वश्रेष्ठ एकादश टीम तैयार की है। हम यहां जो टेस्ट टीम तैयार कर रहे हैं उसमें सभी बल्लेबाज़ बाएं हाथ से खेलते हैं और सभी गेंदबाज़ दाएं हाथ से गेंदबाज़ी करते हैं। ऐसे में ये टीम अपने आप में ख़ास है। इन खिलाड़ियों का रिकॉर्ड विश्व क्रिकेट इतिहास में शानदार रहा है। हमने ये खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, श्रीलंका, भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ़्रीका और वेस्टइंडीज़ से चुने हैं। ज़्यादातर खिलाड़ी या तो ‘विज़डन क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर’ अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं या फिर वो ‘आईसीसी हॉल ऑफ़’ फ़ेम में शामिल हैं। इस टीम में 6 विशेषज्ञ बल्लेबाज़, 1 बॉलिंग ऑलराउंडर, 2 तेज़ गेंदबाज़ और 2 स्पिनर्स शामिल हैं।
#1) मैथ्यू हेडन
मैड्यू हेडन दुनिया के सबसे विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ों में एक रहे हैं। 103 टेस्ट मैच में हेडन ने 50.73 की औसत से 8625 रन बनाए हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से सबसे बड़ी टेस्ट पारी खेलने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने टेस्ट मैच की एक पारी में 380 रन का निजी स्कोर बनाया था जो टेस्ट के इतिहास में सलामी बल्लेबाज़ द्वारा खेली गई सबसे बड़ी पारी है। उन्हें ‘ऑस्ट्रेलिया स्पोर्ट्स मेडल’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
#2) एलिस्टेयर कुक
इंग्लैंड के एलिस्टेयर कुक दुनिया के सबसे स्टाइलिश सलामी बल्लेबाज हैं। अपनी टीम के लिए हमेशा जद्दोजहद करने के लिए तैयार रहते हैं। भले ही हालात कैसे भी हों। 157 टेस्ट मैच में उन्होंने 45.36 की औसत से 12158 रन बनाए हैं। वो इंग्लैंड के सबसे तेज़ 2000, 3000, 4000, 5000 और 6000 टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।
#3) कुमार संगाकारा
श्रीलंका के कुमार संगाकारा क्रिकेट के इतिहास के सबसे शानदार विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं। 134 टेस्ट मैच में उन्होंने 57.4 की औसत से 12400 रन बनाए हैं। उन्हें साल 2011 और 2015 में ‘विज़डन क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर’ घोषित किया गया था। टेस्ट में उनके नाम 11 दोहरा शतक है जो सर डॉन ब्रैडमैन के 12 दोहरे शतक से 1 कम है।
#4) ब्रायन लारा
ब्रायन लारा इस लिस्ट में क्यों है ये बताने की ज़रूरत नहीं, उनका करियर उनकी कामयाबी बयां करता है। 131 टेस्ट मैच में उन्होंने 52.88 की औसत से 11953 रन बनाए हैं। वो स्पिन और पेस दोनों को बड़ी सहजता से खेलते थे। वो वेस्टइंडीज़ की तरफ़ से सबसे ज़्यादा शतक बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्हें साल 2012 में ‘आईसीसी हॉल ऑफ़ फ़ेम’ में शामिल किया गया था।
#5) ग्रीम स्मिथ
दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ अपनी बेख़ौफ़ बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते थे। 117 टेस्ट मैच में उन्होंने 48.25 की औसत से 9265 रन बनाए हैं। वो टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे कामयाब कप्तान हैं। उनकी कप्तानी में दक्षिण अफ़्रीका ने 53 टेस्ट मैच में जीत हासिल की है।
#6) एडम गिलक्रिस्ट
एडम गिलक्रिस्ट विपक्षी गेंदबाज़ों के लिए ख़ौफ़ का सबब थे। वो पहली ही गेंद से चौके-छक्के लगाना शुरू कर देते थे और मैच का रुख़ तय कर देते थे। वो ऑस्ट्रेलियाई टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज़ की भूमिका निभाते थे। उन्हें साल 2002 में ‘विज़डन क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर’ का ख़िताब दिया गया था। साल 2013 में गिली को ‘आईसीसी हॉल ऑफ़ फ़ेम’ में शामिल किया गया था।
#7) कपिल देव
कपिल देव वो गेंदबाज़ थे जो शानदार बल्लेबाज़ी भी कर सकते थे। वो टीम इंडिया में बॉलिंग ऑलराउंडर के तौर पर मौजूद थे। 131 टेस्ट मैच में उन्होंने 5248 रन बनाए हैं और 434 विकेट हासिल किए हैं। साल 1983 में उन्हें ‘विज़डन क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर’ का ख़िताब मिला था। साल 2010 में कपिल को ‘आईसीसी हॉल ऑफ़ फ़ेम’ में शामिल किया गया था
#8) मैल्कम मार्शल
मैल्कम मार्शल अपने लंबे रन-अप और जल्द किए जाने वाले एक्शन के लिए जाने जाते थे। वो अपनी तेज़ गेंद से विपक्षी बल्लेबाज़ों के दिलों में ख़ौफ़ पैदा कर देते थे। 81 टेस्ट मैच में उन्होंने 20.94 की औसत से 376 विकेट हासिल किए हैं। वो घातक बाउंसर फेंका करते थे।
#9) डेनिस लिली
डेनिस लिली अपने सटीक गेंदबाज़ी और स्पीड के लिए जाने जाते थे, वो बाउंसर फेंकने में भी माहिर थे। दुनिया के बेहरीन बल्लेबाज़ भी लिली से ख़ौफ़ खाते थे। उन्होंने 23.92 की औसत से 355 विकेट हासिल किए हैं, जो अपने आप में एक अच्छा रिकॉर्ड है।
#10) सक़लैन मुश्ताक़
सक़लैन मुश्ताक़ पहले ऐसे गेंदबाज़ थे जिन्होने क्रिकेट में ‘दूसरा’ को जन्म दिया। वो काफ़ी चतुराई से गेंदबाज़ी करते थे और अपनी लाइन और लेंथ सही रखते थे। 49 टेस्ट मैच में उन्होंने 29.83 की औसत से 208 विकेट हासिल किए हैं। साल 2000 में उन्हें ‘विज़डन क्रिकेट ऑफ़ द ईयर’ का ख़िताब मिला था।
#11) शेन वॉर्न
शेन वॉर्न क्रिकेट इतिहास के महानतम गेंदबाज़ों में से एक हैं। वो किसी भी तरह की पिच पर अच्छी स्पिन गेंदबाज़ी करने में माहिर थे। 145 टेस्ट मैच में उन्होंने 25.41 की औसत से 708 विकेट हासिल किए हैं। उनकी एक गेंद को ‘बॉल ऑफ़ द सेंचुरी’ घोषित किया गया था। लेखक- प्रवीर राय, अनुवादक- शारिक़ुल होदा