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1989 से 2003 के बीच एशेज ट्राफी पर ऑस्ट्रेलिया का ही दबदबा रहा और इसके एक प्रमुख कारण थे-ग्लेन मैक्ग्रा। 1993 में टेस्ट क्रिकेट की शुरूआत करने वाले मैक्ग्रा अपने सटीक और नियंत्रित लाइन-लेंथ के लिए जाने जाते थे। उनकी गेंदबाजी में उनके समकालीन ब्रेट ली जैसी तेजी भले ही नहीं थी, लेकिन अपने सीम और स्विंग से वह किसी भी पिच पर जादूई साबित होते थे। मैक्ग्रा ने इंग्लैंड के खिलाफ 30 टेस्ट मैचों में केवल 20.92 की औसत से 157 विकेट लिए। इस दौरान उन्होंने 10 बार पारी में 5 या इससे अधिक विकेट लिए। इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर मैक्ग्रा का प्रभुत्व बेजोड़ था और यदि उन्हें इस टीम में शामिल नहीं किया जाता है तो यह टीम अधूरा ही रहेगा। मूल लेखक - सोहम समददार अनुवादक- सागर
Edited by Staff Editor