भारत-ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों को मिलाकर बनाई गई ऑल टाइम एकादश

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट नवंबर 1947 में ब्रिस्बेन में खेला गया था। जिस मैच में भारत को पारी और 226 रन से हार का सामना करना पडा। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अबतक खेले 90 टेस्ट मैचों में भारत को 24 में जीत मिली है 25 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं जबकि 1 मैच टाई रहा। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए बड़े मुकाबले में खुद को साबिक कर क खिलाड़ी आज वर्ल्ड के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार हैं। उन्हें दिग्गजों की श्रेणी में शामिल किया जाता है सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न के बीच रोमांचक जंग भला कौन भूल सकता है। दोनों खिलाड़ियों में खुद को एक दूसरे से बेहतर साबित करने की होड़ रहती थी। वहीं क्रिकेट जगत के दिग्गज कप्तानों स्टीव वॉ और सौरव गांगुली का अग्रेशन भी देखने लायक था। दोनों टीमों के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत 23 फरवरी से हो चुकी है, आइए आपको दिखाते हैं दोनों टीमों के खिलाड़ियों को मिलाकर चुनी गई प्लेइंग इलेवन: #1 मैथ्यू हेडन विस्फोटक बल्लेबाज जो निडर होकर खेलते, अपने बड़े-बड़े शाट्स पर क्रिकेट फैंस को झूमने पर मजबूर कर देते। मैथ्यू हेडन अपने समय के बेहतरीन ओपनर बल्लेबाजों में शुमार हैं हेडन के कट, पुल, हुक ड्राइव बिल्कुल तकनीक के साथ करते। 15 साल के अपेन टेस्ट करियर में हेडन में 103 टेस्ट मैचों में 50.73 की औसत से 8625 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 30 शतक और 29 अर्धशतक भी निकले हैं। हेडन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 380 रन है इतना ही नहीं बेहतरीन बल्लेबाज के साथ साथ हेडेन एक शानदार स्लिप फील्डर भी थे। #2 सुनील गावस्कर gavaskar-batting-1487681001-800 5 फीट 5 इंच के सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में रनों का अंबार लगाया है। टेस्ट क्रिकेट में बड़ी बड़ी शतकीय पारियां खेलने वाले गावस्कर ने एंडी रॉबर्ट्स, जोएल गार्नर और जैफ थॉमप्सन जैसे से खतरनाक गेंदबाजों का सामना बिना हेलमेट के किया है। गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे दस हजार रन सबसे कम मैचों में बनाए। हालांकि उनका रिकॉर्ड बाद में सचिन तेंदुलकर ने तोड़ा। गावस्कर के नाम 35 टेस्ट शतक दर्ज हैं गावस्कर के डिफेंस को भेदना किसी भी गेंदबाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती हुआ करती थी। साथ ही उनके हुक और पुल शॉट्स भी लाजवाब थे। गावस्कर ने 125 टेस्ट मैचों में 51.12 की औसत से 10,122 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 35 शतक और 45 अर्धशतक भी निकले हैं। #3 सर डोनाल्ड ब्रैडमैन 3420727-august-1938-spectators-clapping-australian-gettyimages-1487681046-800 दुनिया के सबसे महान बल्लेबाज डोनाल्ड ब्रैडमैन की इस टीम में सबसे अहम जगह है। टेस्ट क्रिकेट में ब्रैडमैन का औसत 99.94 का है। जिस पर विश्वास करना अपने आप में बहुत मुश्किल है। 1930 और 40 के दशक में क्रिकेट में ब्रैडमैन का राज हुआ करता था। उस दौर में ब्रैडमैन का दबदबा देखते ही बनता था। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने एक ही सीरीज में 974 रन बनाए थे। जिसमें से उन्होंने 309 रन तो अकेले हेडिंग्ले टेस्ट में बनाए थे। ब्रैडमैन के जमाने में ऑस्ट्रेलिया ने एशेज सीरीज सिर्फ एक बार गंवाई थी। 1932-33 में जब इंग्लैंड की टीम ने पूरी रणनीति ब्रैडमैन के इर्द-गिर्द बनाई और बॉडी लाइन पर गेंदबाजी की। इस सबके बावजूद भी उस सीरीज में ब्रैडमैन का औसत 56 का था। ब्रैडमैन के जमाने में उनकी तुलना किसी भी क्रिकेटर से नहीं जाती थी क्योंकि उनकी जनरेशन का कोई भी खिलाड़ी उनके आस-पास भी नहीं फटकता था। ब्रैडमैन के नाम 52 टेस्ट मैचों में 6,996 रन दर्ज हैं। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 29 शतक और 13 अर्धशतक भी लगाए हैं। ब्रैडमैन को 1948 में ओवल में खेले गए अपने आखिरी टेस्ट मैच में सिर्फ 4 रन बनाने थे ताकि वो टेस्ट क्रिकेट में अपनी 100 की औसत कर सकें। लेकिन आखिरी टेस्ट में वो दूसरी गेंद पर शून्य पर आउट हो गए। #4 राहुल द्रविड़ 136123478-rahul-dravid-of-india-sweeps-with-michael-gettyimages-1487681142-800 अगर आपको अपनी टेस्ट टीम का मिलिड ऑर्डर मजबूत करना है तो राहुल द्रविड़ को टीम में शामिल करना होगा। राहुल द्रविड़ तकनीक के धनी थे। क्रिकेट में ऐसी तकनीक हर किसी बल्लेबाज के पास नहीं होती। अपनी मजबूत तकनीक के दमपर वो गैप ढूंढने में माहिर थे। द्रविड़ की रॉक सालिड तकनीक और विदेशी सरजमीं पर बेहतरीन प्रदर्शन के दमपर उन्हें द वॉल नाम मिला। राहुल द्रविड़ एक ऐसे बल्लेबाज थे जो टेस्ट मैच बचाने के लिए कई दिनों तक विकेट पर डटे रहते थे। बेहतरीन बल्लेबाज होने के साथ साथ द्रविड़ अच्छे स्लिप फील्डर भी थे। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 210 कैच पकड़े हैं। द्रविड़ के नाम 164 टेस्ट मैचों में 52.31 की औसत से 13,288 रन हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 36 शतक और 63 अर्धशतक भी बनाए हैं, जिसमें से ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाई के खिलाफ आए हैं। #5 सचिन तेंदुलकर 137757628-sachin-tendulkar-of-india-bats-during-day-gettyimages-1487681246-800 सचिन तेंदुलकर ना सिर्फ भारत के बल्कि विश्व क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाज हैं। सचिन दुनिया की किसी भी पिच किसी भी कंडीशन में रन बटोरने में माहिर हैं। सचिन के खासियत ये थी कि वो परिस्थितियों के मुताबिक अपने खेल को ढालने में माहिर हैं। सचिन ने महज 19 साल की उम्र में पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता रहा सचिन अपने खेल से सभी को अपना दीवाना बना चुके थे। सचिन ने क्रिकेट को क्या कुछ दिया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि इस क्रिकेटर के नाम कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स दर्ज हैं जिन्हें तोड़ पाना मुमकिन ही नहीं लगता है। बल्लेबाजी का शायद ही ऐसा कोई रिकॉर्ड हो जो सचिन तेंदुलकर के नाम पर दर्ज न हो। टेस्ट क्रिकेट में सेंचुरी का पचासा जड़ने वाले तेंदुलकर एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने 51 टेस्ट सेंचुरी जड़ी हैं। यहां तक की सर डॉन ब्रैडमैन ने भी अपनी पत्नी से कहा था कि उन्हें सचिन में अपना अक्स नजर आता है। सचिन ने 200 टेस्ट मैचों में 53.78 की औसत से 15,921 रन बनाए हैं। #6 एलन बॉर्डर (कप्तान) 97446532-allan-border-of-australia-bats-during-a-test-gettyimages-1487681339-800 पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तांन एलन बॉर्डर का नाम दुनिया के विस्फोेटक बल्ले बाजों में शुमार है। ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसके बुरे दौर से बाहर निकालने में सबसे बड़ी भूमिका बॉर्डर ने निभाई थी। बॉर्डर उन बल्लेबाजों में नहीं ते जिनके पास क्रिकेट के सभी शॉट्स मौजूद थे, लेकिन वो एक ऐसे बल्लेबाज थे, जिन्हें अपनी ताकत और कमोजरियों का अच्छे से अंदाजा था। बॉर्डर ने 1994 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 25 मार्च को अपने करियर का अखिरी टेस्टा मैच खेला था। उससे पहले उन्होंने 156 टेस्ट मैचों में 50.26 की औसत से 11,174 रन बनाए। बॉर्डर ने अपने टेस्ट करियर में 27 शतक और 63 अर्धशतक लगाए। #7 एडम गिलक्रिस्ट (विकेटकीपर) 79275995-adam-gilchrist-of-australia-sets-the-field-gettyimages-1487681425-800 टेस्ट क्रिकेट में भी एडम गिलक्रिस्ट सबसे खतरनाक बल्लेबाज हैं। एडम गिलक्रिस्ट शानदार विकेटकीपर होने के साथ –साथ ऐसे बल्लेबाज भी थे, जो मैच का रूख अपने दमपर पलटने में माहिर थे। एडम गिलक्रिस्ट के स्वीप शॉट के भी सभी कायल थे। उस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम में सिर्फ वो ही ऐसे बल्लेबाज थे जो स्वीप शॉट को बहुल क्लीन तरह से खेलते थे। एडम गिलक्रिस्ट दुनिया के कुछ चुनिंदा विकेटकीपर्स में शामिल हैं और शायद आस्ट्रेलिया के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर रहे हैं। आस्ट्रेलियन टीम जब भी मैदान में होती थी दर्शकों की नज़र अपने दस्तानों के साथ विकेट के पीछे खड़े एडम गिलक्रिस्ट पर होती थी। 2008 में क्रिकेट से रिटायर हुए गिलक्रिस्ट के नाम कुल 905 शिकार दर्ज हैं। उन्होंने टेस्ट मैचों में 379 कैप लपके और 37 स्टमपिंग की। एडम का क्रिकेट में प्रदर्शन और विकेट के पीछे उनका रिकॉर्ड उन्हें दुनिया का दूसरा सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बनाता है। एडम गिलक्रिस्ट की तुलना सिर्फ महेन्द्र सिंह धोनी से की जाती है, जो एकलौते विकेटकीपर बल्लेबाज हैं जो गिलक्रिस्ट के रिकॉर्ड्स के आस पास पहुंच पाए। गिलक्रिस्ट ने 96 टेस्ट मैचों में 47.60 की औसत से 5570 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 17 शतक और 27 अर्धशतक भी जड़े हैं। #8 शेन वॉर्न 72913947-shane-warne-of-australia-bowls-watched-by-gettyimages-1487681630-800 फिरकी के जादूगर कहने जाने वाले सेन वॉर्न ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट में अपनी छाप छोड़ी। शेन वॉर्न ने वैसे तो अपने क्रिकेट करियर में कई बेहतरीन गेंदे फेंकी। लेकिन उनकी एक गेंद को बॉल ऑफ द सेंचुरी घोषित किया गया। उन्होंने ये गेंद 1993 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड के माइक गैटिंग को फेंकी थी। इस गेंद पर गैटिंग क्लीन बोल्ड हो गए थे। समय के साथ-साथ वॉर्न की गेंदबाजी और ज्यादा निखरती रही। उन्होंने धीरे –धीरे लेग स्पिन में फिल्पर, जूटर, गुगली, टॉपी और बैक स्पिन जैसी वैरायरी इजात की। वॉर्न के नाम टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक दर्ज है। वनडे क्रिकेट के वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में वॉर्न को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया था। वॉर्न अकेले ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने किसी एक देश के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में 100 या उससे ज्यादा विकेट चटकाए हैं। वॉर्न ने इंग्लैंड के खिलाफ 195, न्यूजीलैंड के खिलाफ 103 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 130 विकेट चटकाए हैं। मैदान के अंदर वॉर्न की जिंदगी जितनी कलरफुल रही, मैदान के बाहर उतनी ही विवादों में। 2003 में वो ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। जिसकी वजह से वो 2003 का वर्ल्ड कप भी नहीं खेल पाए थे। हालांकि उन्होंने इन सब विवादों को पीछे छोड़ते हुए, जब भी वापसी की जबरदस्त वापसी की। वॉर्न ने 145 टेस्ट मैचों में 25.41 की औसत से 708 विकेट हासिल किए। इसके बल्ले से भी उनका प्रदर्शन ठीक ठाक रहा है। उन्होंने बिना कोई शतक बनाए टेस्ट क्रिकेट में 3154 रन बनाए हैं।#9 ग्लैन मैक्ग्रा 134587031-glenn-mcgrath-during-the-3-ashes-third-test-gettyimages-1487681759-800 ग्लैन मैक्ग्रा की खासियत ये थी कि वो गेंद को दोनों ओर से मूव करवा सकते थे मैक्ग्रा 1993 में मर्व ह्यूज की जगह टीम में शामिल किए गए थे और आगे जाकर अपने समय के ऑस्ट्रेलिया के सबसे महान तेज गेंदबाज बने। उन्होंने 2005 में कॉर्टनी वॉल्श के 519 टेस्ट विकेट का रिकॉर्ड तोड़ा और सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज बने मैक्ग्रा के नाम टेस्ट क्रिकेट में 563 विकेट हैं। मैक्ग्रा ने 2006-07 में एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के इंग्लैंड को 5-0 से हराने के बाद क्रिकेट को अलविदा कहा। 2007 एशेज सीरीज में मैक्ग्रा को मैन ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजा गया था । मैक्ग्रा ने 124 टेस्ट मैचों में 21.64 की औसत से 563 विकेट हासिल किए हैं जिसमें उन्होंने 29 बार 5 विकेट और 3 बार 10 विकेट भी लिए हैं। #10 डेनिस लिली lillee-dennis-1487681945-800 डेनिस लिली ने एक तेज गेंदबाज के रूप में अपने करियर की शुरूआत की लेकिन वो काफी लापरवाह थे। जिसकी वजह उन्हें कमरे और कंधे में तकलीफ होने लगी। यहां तक कि उनका करियर भी दांव पर था जिसके बाद लिली ने अपनी गति कम की और लेट स्विंगर को इजाद किया। लिली हमेशा अपने कप्तान की उम्मीदों पर खरा उतरते और ऑस्ट्रेलिया को अहम ब्रेक थ्रू दिलाते थे। डेनिस लिली ने लांस गिब्स का टेस्ट क्रिकेट में 309 विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ा लिली ने 70 टेस्ट मैचों में 355 विकेट हासिल किए। टेस्ट क्रिकेट में लिली की औसत 23.92 की थी उन्होंने अपने करियर में 23 बार 5 विकेट और 7 बार 10 चटकाए थे। #11 जैफ थॉम्पसन 55308791-jeff-thompson-of-australia-bowls-a-delivery-gettyimages-1487681988-800 जैफ थॉम्पसन और डेनिस लिली की जोड़ी टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाजों की सबसे अच्छी जोड़ी थी। थॉम्पसन कंसीसटेंटली 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे। 1974-75 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में थॉम्पसन ने 33 विकेट हासिल किए थे। हालांकि थॉम्पसन हमेशा चोट की समस्या से जूझते रहते थे, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी गति कम की और लाइन और लेंथ पर ज्यादा ध्यान दिया। अपने 15 साल के टेस्ट करियर में जैफ थॉम्पसन ने 28.00 की औसत से 200 विकेट चटकाए थॉम्पसन ने 8 बार 5 विकेट भी झटके।

Edited by Staff Editor
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