भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ का पहला टेस्ट मैच राजकोट में समाप्त हुआ, जिसे इंग्लैंड ने शानदार खेल से अंजाम तक पहुंचाया था। राजकोट के बाद विशाखापट्टनम भी टेस्ट क्रिकेट के लिए एक अज्ञात जगह है क्योंकि यहाँ भी पहला टेस्ट मैच होना है। सीरीज में बढ़त बनाने के लिए दोनों ही टीमें बेताब नजर आ रही हैं। आइए गुरुवार को डॉ. राजशेखर रेड्डी ACA-VDCA क्रिकेट मैदान पर होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर डालें एक नजर: #5 क्या इंग्लैंड के स्पिनर अपने विरोधियों के समकक्ष होंगे? बेशक इस सीरीज में सबसे अधिक प्रभावित करने वाली बात होगी इंग्लैंड के स्पिनरों की क्षमता। उनके विरोधी रविचंद्रन अश्विन, रविन्द्र जडेजा और अमित मिश्रा अभी तक उप-महाद्वीप की परिस्थितियों की मांग के अनुसार ज़िम्मेदारी पर खरे नहीं उतर पाए हैं। मेहमान टीम के पास भी भारतीय बल्लेबाजों के सामने चुनौती पेश करने के लिए पर्याप्त गेंदबाजी आक्रमण है। उनके पास आदिल रशीद के रूप में गुच्छों में विकेट लेने वाला रोमांचक लेग-स्पिनर है। पहले टेस्ट मैच में उन्हें घरेलू स्पिनरों की तरह गेंदबाजी करते हुए देखा गया, एक घुमावदार पिच न केवल सहायता प्रदान करती है बल्कि काफी हद तक दबाव भी बनाती है।
#4 विशाखापट्टनम की पिच अस्वाभाविक टर्न करेगी
राजकोट में भारतीय टीम में वहीं के दो खिलाड़ी खेल रहे थे। सभी की नजरें सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के मैदान की 22 गज की पिच पर थी। डेब्यू टेस्ट में सपाट विकेट मिलने से मैच में उत्साह की कमी नजर आई।
विशाखापट्टनम में मेहमान टीम को समान घास वाली पिच मिलने की संभावना नहीं है। पिच क्यूरेटर ने घास हटाने की तरफ संकेत किया था, उन्होंने कहा कि विकेट दूसरे दिन से स्पिनरों को मदद करना शुरू करेगी। अमित मिश्रा ने इस पिच पर न्यूजीलैंड के खिलाफ वन-डे सीरीज के पांचवें मैच में बाजी मारी थी। इस पिच पर राजकोट की तुलना में रन बनाने में दिक्कत होगी।
#3 केएल राहुल की वापसी पर भारत के मध्यक्रम को मजबूत आधार मिलेगागौतम गंभीर पहले टेस्ट की दोनों पारियों में जिस प्रकार आउट हुए, ऐसे में चयनकर्ताओं को केएल राहुल को जल्दी ही टीम में वापस बुलाने पर मजबूर कर दिया। इस दांए हाथ के बल्लेबाज ने विशाखापट्टनम के पास स्थित विजयनगरम में रणजी ट्रॉफी के दौरान अपनी फिटनेस साबित की है। राहुल हेमस्ट्रिंग की चोट के चलते न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतिम टेस्ट व इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट से बाहर थे। विशाखापट्टनम की सूखी पिच को देखते हुए भारत बल्लेबाजी में मजबूती प्रदान करने के लिए हार्दिक पाण्ड्या को उमेश यादव की जगह खिलाया सकता है। इंग्लैंड बिना किसी बदलाव के खेल सकता है, हालांकि तेज गेंदबाज एंडरसन वापसी के लिए तैयार हैं। संभावित एकादश: भारत: मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, ऋद्धिमान साहा,(विकेट-कीपर), रविचंद्रन अश्विन, हार्दिक पाण्ड्या/उमेश यादव, रविन्द्र जडेजा, अमित मिश्रा और मोहम्मद शामी। इंग्लैंड: एलिस्टर कुक(कप्तान), हसीब हमीद, जो रूट, बेन डकेट, मोइन अली, बेन स्टोक्स, जॉनी बैरस्टो (विकेट-कीपर), क्रिस वोक्स, आदिल रशीद, जफर अंसारी और स्टुअर्ट ब्रॉड/जेम्स एंडरसन। #2 विराट कोहली और जो रूट के बीच विशेष समानताएं इस टेस्ट मैच के कुछ इर्द-गिर्द घूमने वाले मुख्य आंकड़े इस प्रकार है। विराट कोहली और जो रूट का यह 50वां टेस्ट मैच होगा। जहां कोहली इस उपलब्धि तक पहुँचने वाले 28वें भारतीय खिलाड़ी होंगे, वहीं रूट इंग्लैंड की तरफ से पचास टेस्ट तक पहुँचने वाले 66वें खिलाड़ी होंगे। 1017 रन में 26 और रन जुड़ते ही कुक भारत की मिट्टी पर किसी विदेशी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रनों के मामले में दूसरे नंबर पर पहुँच जाएंगे। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान क्लाइव लॉयड इस मामले में 1359 रनों के साथ सबसे ऊपर है। पुजारा को 3000 रन बनाने वाला 20 वां भारतीय बल्लेबाज बनने के लिए 3 रन चाहिए, वहीं मुरली विजय को 20 रन। #1 मेहमान टीम के लिए कप्तान कुक मुख्य खिलाड़ी जब इंग्लैंड की बल्लेबाजी में गहराई दिखती है, उसमें शीर्ष क्रम इस गहराई का आधार है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में कुक ने अन्य विदेशी बल्लेबाजों की तुलना में आसानी से रन बटोरे हैं और आगे भी इस तरह प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। दूसरी तरफ भारत की तरफ से रहाणे बल्लेबाजी का मजबूत आधार है। आम तौर पर धीमा खेलने के हिसाब से मुंबई का यह बल्लेबाज मुश्किल स्थिति को काबू में करने की क्षमता रखता है, और जरूरत के अनुसार बल्लेबाजी कर सकता हैं।