आईपीएल नीलामी में बेन स्टोक्स के बाद एक और इंग्लैंड खिलाड़ी को बड़ी राशी में खरीदा गया है। इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज को रॉयल चैलेंजर बैंगलोर (आरसीबी) ने 12 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशी में खरीदा है। नीलामी में 24 साल के इस खिलाड़ी का बेस प्राइस 50 लाख रुपये रखा गया था। मिल्स को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि टीमें उन्हें लेकर ज्यादा से ज्यादा बोली लगाकार खींचतान करेगी। मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच काफी देर तक उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश चलती रहा। एक पल के लिए लगा मुंबई ने उन्हें हासिल कर लिया है, लेकिन अंत में बाज़ी किंग्स इलेवन पंजाब ने मारी। आइये आपको बताते हैं कि कैसे इंग्लैंड के घरेलू सर्किट से धनी आईपीएल का सफर मिल्स ने पूरा किया –
क्रिकेट के शुरुआती साल
टाइमल सोलोमन मिल्स का जन्म इंग्लैंड के योर्कशायर में हुआ। मिल्स जब 14-16 साल के थे तब उनका रुझान क्रिकेट के लिए बढ़ा। 19 साल की उम्र में वो एस्सेक्स का हिस्सा बने। खेल के साथ उन्होंने सम्मानित यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन से जर्नलिज्म की पढ़ाई भी जारी रखी। अंडर-19 टीम का हिस्सा रहते हुए मिल्स ने श्रीलंका के खिलाफ फस्ट-क्लास मैच में डेब्यू किया था। श्रीलंका ने ये दौरा जून 2011 में किया था। कुछ समय बाद मिल्स की तेज़ गेंदबाजी को और धार देने के लिए इंग्लैंड परफोर्मेंस प्रोग्राम से जोड़ा गया। ईसीबी नेशनल क्रिकेट अकेडमी में मिल्स की प्रतिभा को बढ़ाने का काम किया गया। मिल्स की गेंदबाजी की रफ्तार ने ही उन्हें इंग्लैंड टीम का महत्वपूर्ण सदस्य बना दिया है।
बैक इंजुरी ने तोड़ा टेस्ट का सपना
2013-14 ऐशज़ सीरीज़ में जब मिचेल जॉनसन ने इंग्लैंड टीम की बुरी गती की थी, तब कई बार इंग्लैंड की टेस्ट टीम में मिल्स को शामिल करने के बारे में सोचा गया। उस समय चयनकर्ताओं ने घरेलू सर्किट में मिल्स को एक पूर्ण गेंदबाज के रूप में उभरने का मौका देने की बात सोची। 2015 काउंटी सीज़न से पहले सुस्सेक्स टीम में चले गए और इस तरह से फस्ट डिविज़न चैम्पियनशिप खेलेने का मौका उनको मिला। हालांकि, इस प्रतियोगिता में बैक इंजुरी की वजह से कुछ मैच ही खेलने का मौका मिला। आगे चलकर जब उनका मेडिकल हुआ, तब पता चला कि वो कंजेनिटल बैक कंडीशन का सामना कर रहे हैं। अपनी इस दिक्कत की वजह से मिल्स ने टेस्ट मैच खेलने की महत्वकांक्षा को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। इसके बाद सिर्फ छोटे फार्मेट में ही खेलने का निर्णय लिया, जो अब तक सही साबित हो रहा है।
टी20 स्पेशलिस्ट बने
भले ही टाइमल्स मिल्स की फिटनेस को लेकर बीच-बीच में कई सवाल उठते रहे हों, लेकिन छोटे फार्मेट के खेल में उन्होंने अपनी प्रतिभा से सबको प्रभावित किया है। अपनी धारदार तेज़ गेंदबाज़ी से उन्होंने कई बार बल्लेबाजों को परेशान किया है। 12 मैचों में 18.94 की औसत से 19 विकेट झटके हैं। 2015 में नेटवेस्ट में हुए टी-20 मैच में मिल्स ने 4 विकेट अपने नाम किए थे। ऐसे तो इंग्लैंड में कई दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ हुए हैं, और मौजूदा समय में कई खिलाड़ियों को दुनिया के अन्य देशों में खेलने का मौका मिला रहा है। इन सबके बीच मिल्स टी-20 स्पेशलिस्ट के रूप में उभरकर सामने आए हैं। न्यूजीलैंड के सुपर स्मैश और बिग बैश लीग में खेलने का अनुभव उनके खेल में और धार पैदा कर रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत
श्रीलंका के खिलाफ 2016 में टी-20 मैच में आखिरकार मिल्स को खेलने का मौका मिला। इंग्लैंड टी-20 टीम के कप्तान इयोन मॉर्गेन ने भी अपने इस तेज़ गेंदबाज़ की काफ़ी तारीफ की है। कई मौकों पर मिल्स ने अपने कप्तान और चयनकर्ताओं को सही साबित किया है। क्रिस जॉर्डन के साथ मिल्स ने नए गेंद की कमान संभाली। तेज़ गेंदबाजी के साथ वो लाइन और लेंथ का भी खासा ध्यान रखते हैं। मैच के अंतिम ओवरों में उन्होंने काफी सधी हुई गेंदबाजी की है, इसलिए मोर्गन अक्सर डेथ ओवरों में उन पर काफी भरोसा करते हैं। इस बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज ने अपने यॉर्कर से भी कई दिग्गज बल्लेबाजों को खासा परेशान किया है। कई मौकों पर मिल्स की धीमी गेंदों ने बल्लेबाजों को मुश्किल में डाला है।
आईपीएल में स्वागत है
भले ही लंबे फार्मेंट में मिल्स का किस्मत ने साथ न दिया हो, लेकिन छोटे फोर्मेट में वो कहर ढा रहे हैं। जनवरी में भारत के खिलाफ तीन टी-20 मैचों की सीरीज़ में उन्होंने भाग लिया था। भारत के खिलाफ मैचों में उन्होंने काफी वेरिएशन इस्तेमाल किए। बावजूद, इसके उन्हें ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई। कानपुर मैच में उन्होंने 27 रन देकर 1 विकेट लिया, नागपुर में 36 रन देकर 1 और बेंग्लुरु में भी 31 रन देकर 1 विकेट ही हासिल कर पाए। निश्चित रूप में उन्होंने इस सीरीज़ में अपनी प्रतिभा के अनुरुप प्रदर्शन नहीं किया। अब एम चिन्नास्वामी स्टेडियम उनके लिए अप्रैल से लेकर मई तक के लिए घर जैसा रहेगा। आरसीबी के पास एक बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ टीम में शामिल हो चुका। अब मिल्स पर निर्भर करता है कि वो किस तरह से बल्लेबाजी पीचों पर गेंदबाज़ी करते हैं। आईपीएल में भले ही रनों की बरसात देखने के लिए दर्शक आते हों, लेकिन मिल्स जैसे गेंदबाज अपनी धारदार गेंदबाजी से किसी भी मैच को लो स्कोरिंग मैच में तब्दील कर सकते हैं।