हैदराबाद टीम के कप्तान अंबाती रायडू को बीसीसीआई ने 2 मैचों के लिए निलंबित कर दिया है। हाल ही में हुए सैय्यद मुश्ताक अली टी20 प्रतियोगिता में कर्नाटक के खिलाफ मैच में उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया। ये विवाद कर्नाटक की पारी के दौरान हुआ था। बल्लेबाज ने शॉट खेला और फील्डर ने उसे बाउंड्री लाइन पर रोका लेकिन फील्डर का पैर बाउंड्री लाइन को टच कर गया था। इसके बावजूद मैदान पर मौजूद अंपायरों ने सिर्फ 2 रन का इशारा किया और बाउंड्री नहीं थी। जब अंपायरों को अपनी गलती का एहसास हुआ तो बाद में कर्नाटक की पारी में ये दो रन जोड़े गए और इसी रन ने आगे चलकर हार-जीत में फर्क पैदा किया। मैच के बाद रायडू मैदान में ही खड़े रहे और फैसले के लिए सुपरओवर की मांग करने लगे। उन्होंने कहा था कि हमने मैच के अंत में सुपर ओवर कराने की मांग की थी। हम दूसरे मैच में बिल्कुल भी बाधा नहीं पहुंचाना चाहते थे, उससे हमारा कुछ भी लेना-देना नहीं था। हम बस इतना कह रहे थे कि हमारा मैच पूरा नहीं हुआ है, हमें सुपर ओवर से फैसला करना चाहिए। इसीलिए हम मैदान के अंदर गए और वहां पर हम वार्म अप कर रहे थे। गौरतलब है रायडू के मैदान में इस तरह के हरकत के बाद केरल और आंध्र प्रदेश के बीच होने वाले मैच को 13-13 ओवरों का करना पड़ा जो कि इसी मैदान पर होना था। रायडू की इस हरकत पर अब बीसीसीआई ने कार्रवाई की है और उनको दो मैचों के लिए निलंबित कर दिया है। बीसीसीआई द्वारा जारी रिलीज के मुताबिक ' रायडू को विजय हजारे ट्रॉफी में हैदराबाद की तरफ से दो मैच खेलने के लिए प्रतिबंधित किया जाता है'। रायडू पर ये चार्ज मैदानी अंपायरों अभिजीत देशमुख, उल्हास विट्ठलराव गांधे और थर्ड अंपायर अनिल दांडेकर ने लगाया था।