सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंबाती रायडू का गेंदबाज़ी एक्शन संदिग्ध पाया गया है। इसको लेकर मैच अधिकारियों ने भारतीय टीम प्रबंधन को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें 33 वर्षीय ऑफ स्पिनर के गेंदबाज़ी एक्शन की वैधता पर सवाल उठाये गए हैं।
इसके बाद अब उन्हें आईसीसी की अवैध गेंदबाज़ी जांच संबंधी प्रक्रिया से गुज़रना होगा। उन्हें 14 दिनों के भीतर परीक्षण से गुज़रना है और इस अवधि के दौरान, जब तक परिणाम सामने नहीं आ जाते, रायुडू को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी जारी रखने की अनुमति है। आपको बता दें कि रायुडू ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 12 जनवरी को खेले गए पहले एकदिवसीय मैच में दो ओवर गेंदबाज़ी की थी।
अगर रायुडू के गेंदबाज़ी एक्शन को अवैध करार दे दिया जाता है तो यह यह भारतीय टीम के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। सुरेश रैना और युवराज सिंह के टीम में ना रहने से अंबाती रायुडु एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो बल्ले और गेंद दोनों से अपना योगदान दे सकते हैं। हालांकि अब देखना है कि उन्हें आगे गेंदबाजी करने की अनुमति मिलती है या नहीं।
पुणे में पिछले साल वेस्टइंडीज़ के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच में हार के बाद से कप्तान कोहली एक छठे गेंदबाज़ का विकल्प तलाश रहे हैं। तब से भारत ने दो-लेग स्पिनर्स को टीम में शामिल करने की नीति को छोड़ दिया है जिसकी वजह से कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल दोनों को एक साथ टीम में शामिल नहीं किया जाता। इस समय टीम इन दोनों में से किसी एक के साथ रविंद्र जडेजा की जोड़ी बनाकर चल रही है। जडेजा को गेंदबाज़ी के साथ-साथ उनकी बल्लेबाज़ी क्षमता की वजह से तरजीह दी गई है। लेकिन, वर्तमान में हार्दिक पांड्या निलंबित हैं और केदार जाधव की राउंड-आर्म गेंदबाजी एक्शन उन्हें चोटों के लिए अतिसंवेदनशील बनाता है, ऐसे में कप्तान कोहली के लिए रायुडू का गेंदबाज़ी एक्शन अवैध पाया जाना उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है।
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