अमित मिश्रा ने वॉर्नर पिच पर वेस्ट इंडीज प्रेसीडेंट इलेवन के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में चार विकेट लेकर टीम इंडिया को राहत दिलाई क्योंकि अन्य गेंदबाज पूरे समय संघर्ष करते दिखे। यह पूछने पर कि बेजान पिच पर विकेट लेने के लिए क्या प्रयास किए तो रोहित शर्मा ने बीच में आकर कहा कि 'आप इस पिच पर कुछ भी नहीं कर सकते थे।' बता दें कि पिच गेंदबाजों के अनुकूल नहीं थी। प्रमुख कोच बनने के बाद अनिल कुंबले का यह पहला मैच भी था। वह रवि शास्त्री को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रीय टीम के कोच बने थे। अमित मिश्रा ने अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया। उन्होंने राजेंद्र चंद्रिका और शाए होप के बीच 122 रन की शतकीय साझेदारी को तोड़ा। इसके बाद मुश्किल परिस्थितियों में मिश्रा ने शानदार गेंदबाजी की और 27 ओवर में 5 मेडन सहित 67 रन खर्च करके 4 विकेट चटकाए। बीसीसीआई टीवी के साथ इंटरव्यू में यह पूछने पर की बेजान पिच पर शानदार गेंदबाजी कैसे कर पाए तो मिश्रा ने जवाब दिया, 'मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं क्योंकि पिच पर गेंदबाजों को मदद नहीं मिल रही थी। धीमी बल्लेबाजी पिच पर अपनी लय हासिल करना अच्छा संकेत है। हमारे लिए यह प्रैक्टिस मैच अच्छा रहा, पहले दिन बल्लेबाजों ने प्रभावित किया और दूसरे दिन हमारी गेंदबाजी अच्छी रही।' उनसे पूछा गया कि गर्म परिस्थितियों में कुछ बदलाव किया तो लेग स्पिनर ने जवाब दिया, 'मैं अपनी गति में मिश्रण करके बल्लेबाज को परेशान करने की कोशिश कर रहा था। मैं उन्हें पता नहीं लगने दे रहा था कि कितनी गति से गेंद फेंक रहा हूं। मैं अपनी गेंदों में भी बदलाव ला रहा था, मैंने सीधी गेंदें भी फेंकी और शेष समय स्पिन कराने पर ध्यान दिया। मुझे बहुत खुशी है कि धीमे विकेट पर मैंने चार बल्लेबाजों को आउट किया।' यह पूछने पर कि आईपीएल में इस्तेमाल की तेज गेंद का यहां भी प्रयोग करेंगे तो मिश्रा ने कहा, 'बिलकुल। अगर जरुरत पड़ी तो उसका इस्तेमाल करने में हिचकिचाउंगा नहीं। सीमित ओवरों के क्रिकेट की तुलना से टेस्ट क्रिकेट बहुत अलग प्रारूप हैं। इसलिए अगर जरुरत महसूस नहीं हुई तो उस तरह की गेंद शायद नहीं करूंगा।' यह पूछने पर कि विराट कोहली के प्रोत्साहन देने पर विश्वास कितना बढ़ता है तो अमित मिश्रा ने जवाब में कहा, 'विराट कोहली सकारात्मक व्यक्ति हैं और वह समान माहौल टीम के अंदर भी बनाए रखते हैं। वह हमेशा मेरा समर्थन करते हैं। हमारे बीच कोई बंदिश नहीं है। मुझे जब भी उनसे कुछ बात साझा करना होती है तो बिना झिझक के कर लेता हूं। उन्होंने मुझसे कहा, 'तुम विकेट लेने वाले गेंदबाज हो और तुम्हें पूरे समय वही करने का प्रयास करना चाहिए। तुम सकारात्मक रहो और अपने मजबूत पक्ष पर अड़े रहो। कुछ और सोचने की जरूरत नहीं है।' विराट कोहली ने महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद टीम की कमान संभाली थी। मजेदार बात यह है कि धोनी से पहले भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान अनिल कुंबले ही थे और वह अब टीम के कोच हैं।