पूर्व बीसीसीआई (BCCI) प्रशासक अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। अमिताभ चौधरी को दिल का दौरा पड़ा था और रांची के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ नफीस अख्तर ने कहा कि चौधरी तंदुरुस्त थे और यह खबर एकदम हैरान करने वाली है। डॉ अख्तर ने अपने सीनियर को 'मिस्टर झारखंड क्रिकेट' करार दिया।
चौधरी वो शख्स थे, जिन्होंने झारखंड क्रिकेट को बढ़ाया। वह करीब एक दशक से ज्यादा समय तक राज्य एसोसिएशन के प्रमुख रहे। उन्होंने झारखंड क्रिकेट के हेडक्वार्टर को जमशेदपुर से रांची शिफ्ट कराया। एमएस धोनी के क्रिकेटर के रूप में बढ़ने से इसमें योगदान मिला। मगर यह प्रशासन का जॉब था और चौधरी ने सामने से नेतृत्व किया।
अमिताभ चौधरी की निगरानी में रांची में विश्व स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम बना और स्टेडियम के एक छोर का नाम उनके नाम पर रखा गया। डॉ अख्तर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'यह सोचने लायक नहीं है। वो शानदार लीडर, हमारे गार्डियन थे। हालांकि, जेएससीए अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वो किसी आधिकारिक रूप से वहां नहीं थे। जहां तक झारखंड क्रिकेट की बात है तो इसकी भरपाई नहीं हो सकती। ऐसा महसूस हो रहा है कि हमने सबकुछ खो दिया है।'
चौधरी ने एक दशक से ज्यादा समय तक जेएससीए में समय दिया और वह बीसीसीआई संयुक्त सचिव भी रहे। क्रिकेट बोर्ड में प्रशासकों की समिति के शासन के दौरान, उन्होंने कार्यवाहक सचिव के रूप में सेवाएं भी दी।
पूर्व बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने प्रशासक के निधन पर शोक व्यक्त किया है। चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'झारखंड में क्रिकेट में अमिताभ का योगदान बहुत ज्यादा था। जेएससीए को उनकी कमी खलेगी और झारखंड में उनकी जगह को भर पाना मुश्किल होगा। मैं उनके परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं।'
पूर्व आईपीएस चौधरी ने राजनीति में भी भूमिका निभाई। मगर क्रिकेट उनका जुनून था। वो 2005-06 जिंबाब्वे दौरे पर भारतीय टीम के मैनेजर भी थे। इस दौरे पर सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल के बीच विवाद की खबरें शुरू हुईं थी। इसके बाद अमिताभ चौधरी ने सीओए और बीसीसीआई के अंतर्गत काम किया और मुश्किल प्रशासकों की चुनौती का सामना करना पड़ा। वह विराट कोहली और अनिल कुंबले विवाद के भी साक्षी रहे, जहां भारतीय टीम से कुंबले को बाहर होना पड़ा था।