पिछले 2 सालों से लगातार भारतीय उपमहाद्वीप पर लगभग सारे मैच खेलने वाली भारतीय क्रिकेट टीम जनवरी 2018 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जाएगी। उसके बाद टीम को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का भी दौरा करना है। पिछले कुछ सालों से भारत की टीम विदेशी सरजमीं पर मैच जीतने में असफल रही है और इसका सबसे बड़ा कारण है गेंदबाजों का ना चलना। यहां हम भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की समीक्षा करते हुए आपको बताएंगे कि घर से बाहर उनका प्रदर्शन कैसा रहा है: #6 रविन्द्र जडेजा घरेलू सीजन के दौरान बाएं हाथ के इस स्पिनर ने अपने गेंदबाजी में काफी सुधार किया है, लेकिन अभी भी उन्हें घर से बाहर के मैचों के लिये काफी सुधार की जरूरत है। घर पर उनका गेंद के साथ औसत 19.82 हैं लेकिन विदेश में यह लगभग दोगुना 36.82 तक पहुंच जाता है। अपने करियर में खेले 34 टेस्ट मैचों में से उन्होंने सिर्फ 10 मैच ही विदेशों में खेले हैं। जहां जडेजा ने घर में खेलते हुए 126 विकेट हासिल किए हैं वहीं विदेशी सरजमीं पर उनके नाम सिर्फ 34 विकेट ही दर्ज हैं। घर से बाहर उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पारी में 6 विकेट रहा है, जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन में हासिल किया था। #5 मोहम्मद शमी मोहम्मद शमी भारतीय टीम के सबसे कारगर हथियार हैं। लेकिन, उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती दक्षिण अफ्रीका दौरे पर अपने आप को पूरी तरह फिट रखना होगा और अगर ऐसे होता है तो भारतीय टीम को इससे काफी फायदा होगा। प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने घर में खेले 9 टेस्ट मैचों में 23.17 की शानदार गेंदबाजी औसत से 35 विकेट चटकाए हैं वहीं घर से बाहर खेले 17 टेस्ट मैचों में उनका औसत 34.70 रहा है और इस दौरान उन्होंने 57 विकेट हासिल किए हैं। शमी की सबसे बड़ी खासियत पुराने गेंद से विकेट हासिल करना है और वह ऐसा वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में खेले अपने पदार्पण मैच से ही कर रहे हैं। अगर शमी फिट रहते हैं और अपनी लय में गेंदबाजी करते हैं तो भारत दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर अपना पहला टेस्ट सीरीज जीत सकती है। #4 उमेश यादव भारत के सबसे तेज गति के तेज गेंदबाज उमेश यादव पर नए और पुराने दोनों ही गेंदों से सफलता हासिल करने की जिम्मेदारी होगी। जडेजा की तरह ही यादव भी इस घरेलू सत्र के दौरान काफी बेहतर गेंदबाज बन गए हैं और उनके प्रदर्शन में निरंतरता भी आ गयी है, जिसके कारण वह लगातार विकेट हासिल कर रहे हैं। अभी तक घर मे खेले 21 मैचों में उन्होंने 31.53 की औसत से 58 शिकार किये हैं वहीं विदेशों में यह औसत बढ़कर 42.09 हो जाता है, जहां उनके नाम 15 मैचों में 41 विकेट दर्ज हैं। हालांकि, ये आंकड़े देखकर यह साफ हो जाता हैं कि उनके गेंदबाजी घर और बाहर के प्रदर्शन में एक बड़ा अंतर है। फिर भी उम्मीद है क्योंकि वह 2015 के विश्व कप में 18 विकेट लेकर भारत के तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज थे। उसकी गेंदों की लंबाई ही उनकी सबसे बड़ी ख़ासियत है, शुरुआती समय में जहां वो आगे गेंद डालते हैं वहीं पारी के अंत में बाद में शॉर्ट गेंद का इस्तेमाल करने से भी नहीं घबराते। विदेशी सरजमीं पर भारत की जीत और हार में उनकी गेंदबाजी का अहम योगदान रहेगा। #3 रविचंद्रन अश्विन अश्विन वह गेंदबाज हैं जिसपर सभी की नजरें रहती हैं और जब वो विदेशी दौरे पर जाते हैं तो सभी का ध्यान उनके प्रदर्शन के तरह ही रहता है। पिछले 2 सालों में उपमहाद्वीप के स्पिनों के मददगार पिच पर उनका प्रदर्शन शानदार रहा है और उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम भी किये हैं। घरेलू सरजमीं पर अश्विन ने 34 मैचों में 22.46 की औसत से 216 विकेट लिए हैं, लेकिन घर से बाहर उनका औसत बढ़कर 31.75 हो जाता है और उन्होंने 20 मैचों में 84 विकेट ही लिए हैं। दक्षिण अफ्रीका का पिछला दौरा इस ऑफ स्पिन गेंदबाज के लिए काफी निराशाजनक साबित हुआ था। इसलिए वो इस बार बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे। #2 इशांत शर्मा इशांत शर्मा को घरेलू सत्र में बहुत ज्यादा मैच खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन जो भी मौका मिला है उन्होंने उसका पूरा फायदा उठाया है। दिल्ली का ये अनुभवी तेज गेंदबाज घर पर 31 टेस्ट में 34.37 की औसत से 77 विकेट ले चुका है जबकि विदेशों में इशांत ने 47 मैचों में 37.56 की औसत से 146 विकेट चटकाये हैं। पिछले दो सालों में उनकी गेंदबाजी में काफी बदलाव आए हैं। अब वह ना ही हाफ-वॉली फेंकते हैं और ना ही फील्डिंग की विपरीत दिशा में गेंदबाजी करते हैं। यह अभी तक साफ नहीं है कि उन्हें विदेश में खेलने का मौका मिलेगा या नहीं क्योंकि भारतीय टीम प्रबंधन हार्दिक पांड्या के साथ उतरने पर खेलने का फैसला कर सकती है। लेकिन, अगर उन्हें अपना मौका मिलता है तो वह अपनी गेंदबाजी से टीम को जीत दिलाने का पूरा माद्दा रखते हैं। #1 भुवनेश्वर कुमार भुवनेश्वर कुमार पिछले कुछ सालों में केवल भारत के सबसे बेहतर गेंदबाजों में से एक नहीं रहे हैं, बल्कि भारत के सबसे बेहतर क्रिकेटरों में भी एक हैं क्योंकि गेंजबाजी के साथ उनकी बल्लेबाजी भी लगातार बेहतर हो रही है। अगर गेंदबाजी औसत की बात करे तो इस दाएं हाथ के गेंदबाज का घर में 26.22 का औसत है वहीं विदेशों में यह 28.19 हो जाता है। जो बाकी सभी भारतीय गेंदबाजों से काफी बेहतर है। उन्होंने लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की बड़ी जीत में भी महत्वपूर्ण निभाई थी, वहां उन्होंने पहली पारी में 6 विकेट चटकाये थे। उनकी सबसे बड़ी ताकत उनकी स्विंग है और जब उन्हें पिच से मदद मिलनी शुरू हो जाती है तो बल्लेबाजों के लिए चेतावनी का संकेत होता है। क्या वो दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर ऐसा कर सकते हैं? यह तो समय बताएगा। लेखक- शंकर नारायण अनुवादक- ऋषिकेश सिंह