भारत के सबसे तेज गति के तेज गेंदबाज उमेश यादव पर नए और पुराने दोनों ही गेंदों से सफलता हासिल करने की जिम्मेदारी होगी। जडेजा की तरह ही यादव भी इस घरेलू सत्र के दौरान काफी बेहतर गेंदबाज बन गए हैं और उनके प्रदर्शन में निरंतरता भी आ गयी है, जिसके कारण वह लगातार विकेट हासिल कर रहे हैं। अभी तक घर मे खेले 21 मैचों में उन्होंने 31.53 की औसत से 58 शिकार किये हैं वहीं विदेशों में यह औसत बढ़कर 42.09 हो जाता है, जहां उनके नाम 15 मैचों में 41 विकेट दर्ज हैं। हालांकि, ये आंकड़े देखकर यह साफ हो जाता हैं कि उनके गेंदबाजी घर और बाहर के प्रदर्शन में एक बड़ा अंतर है। फिर भी उम्मीद है क्योंकि वह 2015 के विश्व कप में 18 विकेट लेकर भारत के तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज थे। उसकी गेंदों की लंबाई ही उनकी सबसे बड़ी ख़ासियत है, शुरुआती समय में जहां वो आगे गेंद डालते हैं वहीं पारी के अंत में बाद में शॉर्ट गेंद का इस्तेमाल करने से भी नहीं घबराते। विदेशी सरजमीं पर भारत की जीत और हार में उनकी गेंदबाजी का अहम योगदान रहेगा।