आईपीएल 2018 की नीलामी से पहले सबसे बड़ा सवाल है कि कोलकाता नाइटराइडर्स नीलामी में किस खिलाड़ी को खरीदेगी जो आईपीएल के अगले सत्र में टीम की अगुआई करेगा। पिछले 10 सालों में केकेआर टीम प्रबंधन के काम करने के तरीकों को देखा जाये तो जबाव आसानी से मिल जायेगा। लेकिन, पहले उन विकल्प को देख लेते हैं जिनको लेकर केकेआर विचार कर सकती है। यह साफ़ है कि बड़ी उम्र की वजह से गौतम गंभीर को केकेआर ने रिटेन नहीं किया है और अब राइट टू मैच (RTM) के द्वारा भी उनका रिटेन किया जाना मुश्किल ही दिखता है। क्योंकि अगर गंभीर को अपने साथ रखना ही होता तो केकेआर उन्हें नीलामी में उतारने का जोखिम ही नहीं उठाती। गंभीर की अगुआई में केकेआर ने सफलता के झंडे गाड़े हैं और उन्हें उम्र की वजह से बाहर कर दिया गया वैसे में गंभीर के हमउम्र खिलाड़ियों को केकेआर कप्तान नहीं बनाएगी। ऐसे में ब्रेंडन मैकुलम और फाफ डू प्लेसी जैसे खिलाड़ियों को लेने की उम्मीद ना के बराबर है। केन विलियमसन जरुर उनके लिए विकल्प हो सकते हैं लेकिन केकेआर टीम हमेशा विदेशी खिलाड़ी में ऐसे खिलाड़ियों को लेने चाहती है जो ऑलराउंडर हो, जैसे कि जैक कैलिस, शाकिब अल हसन, रेयान टेन डोएशे और आंद्रे रसेल। कुछ अपवाद छोड़ दे तो प्रमुख बल्लेबाज भारतीय खिलाड़ी ही होते हैं। पिछले आईपीएल सत्र में सुनील नारेन से सलामी बल्लेबाजी करवाकर टीम ने इस बात को साफ कर दिया कि उन्हें विदेशी खिलाड़ी ऑलराउंडर ही चाहिए। इसलिए केन विलियमसन का विकल्प मुश्किल नजर आ रहा है। भारतीय खिलाड़ियों में देखा जाये तो शिखर धवन, रविचंद्रन अश्विन और अजिंक्य रहाणे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें जिनके पास कप्तानी का अनुभव है और वह नीलामी में भी मौजूद रहेंगे। शिखर धवन ने आईपीएल 2014 में सनराइजर्स हैदराबाद की कप्तानी की थी लेकिन उस दौरान उनका फॉर्म काफी खराब हो गया था और इसी वजह से आईपीएल सत्र के बीच में ही डैरेन सैमी को कप्तानी सौंपनी पड़ी। आर अश्विन ने तमिलनाडु की कप्तानी की है लेकिन केकेआर प्रबंधन ईडन गार्डन्स की तेज पिच पर अश्विन को टीम में शामिल करने का जोखिम नहीं लेना चाहेगी। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में ईडन गार्डन्स पर अश्विन को पूरे मैच में एक भी विकेट नहीं मिला, तो अंतिम विकल्प बचता है अजिंक्य रहाणे का। 29 वर्षीय रहाणे ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट में कोहली की गैरमौजूदगी काफी आक्रामक कप्तानी की थी। उन्होंने कुलदीप यादव को टीम में मौका दिया और उनका यह फैसला सही साबित हुआ और भारत ने सीरीज अपने नाम कर ली। अब रहाणे की बल्लेबाजी की बात करते हैं, एशिया से बाहर दक्षिण अफ्रीका, न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में उनका बल्लेबाजी औसत 50 से ऊपर का है और इससे साफ हो जाता है कि उन्हें तेज गेंदबाजी खेलने में कोई परेशानी नहीं है। इसलिए ईडन गार्डन्स पर बल्लेबाजी करना उनके लिए मुश्किल नहीं होगा। यह भी मुश्किल लगता है कि राजस्थान की टीम रहाणे पर आरटीएम कार्ड का इस्तेमाल करेगी। उन्होंने पहले ही स्मिथ को रिटेन कर लिया है, जिनके हाथों में टीम की कमान भी हो सकती है। अगर उन्हें रहाणे को रिटेन करना होता तो 8.5 करोड़ में वह पहले ही रिटेन कर लेती। राजस्थान टीम को यह भी लगा होगा कि रहाणे की बोली 8.5 करोड़ रूपये से नीचे ही रहेगी इसलिए उन्हें रिटेन नहीं किया। अब अगर रहाणे की बोली इससे ऊपर जाती है तो राजस्थान का आरटीएम कार्ड इस्तेमाल करना मुश्किल ही लगता है। दूसरी तरफ केकेआर रहाणे पर कोई भी राशि खर्च कर सकती है, ऐसा ही उन्होंने गंभीर के साथ किया था जब 2011 में 11.04 करोड़ देकर उन्हें खरीदा था। इसलिए इस बात की पूरी उम्मीद है कि आईपीएल-11 में केकेआर की अजिंक्य रहाणे के हाथों में रहेगी। लेखक- अलोमोय बनर्जी अनुवादक- ऋषिकेश सिंह