बांग्लादेश का दौरा करने के लिए खिलाड़ियों पर दबाव बना रहे हैं एंड्रयू स्ट्रॉस

इंग्लैंड क्रिकेट टीम के बांग्लादेश दौरे में एक महीने से भी कम का समय बचा है और सीनियर खिलाड़ियों की अनुपलब्धता का मामला अभी अभी खत्म नहीं हुआ है। शनिवार को डेडलाइन से पूर्व टीम निदेशक एंड्रयू स्ट्रॉस ने उन खिलाड़ियों को छोटी सी चेतावनी दे दी है, जिन्होंने दौरे पर नहीं जाने का मन बनाया है। 39 वर्षीय स्ट्रॉस ने लौघबोरौघ में ईसीबी की राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी में चयन को लेकर सभी खिलाड़ियों से मुलाकात की और 16 सदस्यीय टीम के ऐलान से पहले सभी को अपनी जगह की दावेदारी पेश करने के लिए कहा। रेग डिकसन के नेतृत्व वाले तीन सदस्यीय पैनल द्वारा सुरक्षा का परीक्षण करने के बाद तीन वन-डे और दो टेस्ट मैचों की सीरीज का होना तय हो चुका है। हालांकि इस बात पर संदेह बरकरार है कि इंग्लैंड अपनी मजबूत टीम को भेजेगा या नहीं। स्ट्रॉस के हवाले से द गार्डियन ने कहा, 'हमारा मानना है कि वहां जाना सुरक्षित है और मुझे लगता है कि रेग के परीक्षण पर फैसला देने के बाद खिलाड़ियों को अपनी क्षमता दिखाना चाहिए। मुझे लगता है कि अगर किसी जगह को लेकर कोई खिलाड़ी अपनी सोच बना ले या फिर खुद ही निर्धारित कर ले कि वह उस जगह नहीं खेलना चाहता तो मेरा मानना है कि वह अभी सही क्षेत्र में नहीं है। इसलिए मैं खिलाड़ियों को रेग की सलाह मानने के लिए कह रहा हूं, लेकिन मुझे अभी भी उम्मीद नहीं है कि खिलाड़ी इस बात को मानेंगे या नहीं।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं किसी को जोर देकर हवाईजहाज में बैठाकर यह नहीं कह सकता कि तुम्हें बांग्लादेश जाना होगा।' लोग अपने फैसले खुद ले सकते हैं। मेरे ख्याल से सबसे आसान तरीका यह है कि आप मिले मौके का पूरा फायदा उठाये और अपना दावा पेश करे। कुछ दिन पहले पूर्व इंग्लिश बल्लेबाज केविन पीटरसन ने सीमित ओवरों के कप्तान इयोन मॉर्गन को अजीब स्टांस पर ईसीबी के शीर्ष अधिकारियों के तंज सुनकर संभावित सुधार करने की बात कही थी। टेस्ट कप्तान एलस्टेयर कुक बांग्लादेश जाने के लिए उत्सुक नजर आ रहे हैं जबकि मॉर्गन के नाम वापस लेने की खबरें सुनने को मिल रही हैं। पीटरसन के बयान पर स्ट्रॉस ने घोषणा कि, 'क्या बांग्लादेश दौरे पर मैं दोनों कप्तानों को देखना पसंद करुंगा? तो मेरा जवाब हां है, बिलकुल मैं दोनों को देखना चाहूंगा। कप्तान की भूमिका और जिम्मेदारी खुद से अधिक पूरी टीम के लिए होती है। मॉर्गन की भी टीम के प्रति ड्यूटी है। मगर वह सभी इंसान है और इस बात का ध्यान सभी को रखने की जरुरत है। उनके जिंदगी को लेकर अपने विचार, चिंता, मामले और दृष्टिकोण हैं और यह समझने की जरुरत है।'