एंजेलो मैथ्यूज़ के सिर पर लगी चोट ने फ़िल ह्यूज की दिलाई याद

ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चौथे वनडे में श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज़ के सिर पर स्कॉट बोलैंड का बाउंसर जा लगा था। बोलैंड के इस शॉर्ट गेंद का सामना कर रहे एंजेलो मैथ्यूज़ को कुछ समझ में नहीं आया, और गेंद सीधे उनके हेलमेट पर जा लगी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ स्वर्गीय फ़िल ह्यूज भी बाउंसर का ही शिकार हुए थे, जिसने उन्हें हमेशा हमेशा के लिए इस दुनिया से अलविदा कर दिया। मैथ्यूज़ के सिर पर जब गेंद लगी तो सभी खिलाड़ी दौड़कर उनके पास आए, लेकिन 'मसूरी' हेलमेट की वजह से मैथ्यूज़ सुरक्षित रहे। दरअसल इंग्लैंड में निर्मित मसूरी हेलमेट में एक फ़्लैप होता है जो हेलमेट और गर्दन के बीच की ख़ाली जगह की हिफ़ाज़त करता है। ह्यूज ने जो हेलमेट पहना था, उसमें ये फ़्लैप नहीं लगा था जिस वजह से गेंद गर्दन में जा लगी थी और दिमाग़ को जोड़ने वाली नस में गहरी चोट आ गई थी जो उनकी मृत्यु का कारण बनी। 13वें ओवर की पांचवीं गेंद पर बोलैंड का सामना कर रहे मैथ्यूज़ बाउंसर को समझ पाते उससे पहले ही गेंद उनको जा लगी, और हेलमेट पर लगा बैक फ़्लैप उखड़ कर ज़मीन पर जा गिरा। इसी ने मैथ्यूज़ की जान भी बचा ली, इस पल को देखने के बाद लोग सिहर उठे थे। लेकिन मसूरी हेलमेट ने मैथ्यूज़ की जान महफ़ूज़ कर दी। इस हेलमेट का इस्तेमाल सबसे पहले श्रीलंकाई दिग्गज कुमार संगकारा ने किया था, और ह्यूज की दुर्घना के बाद मसूरी हेलमेट और बैक फ़्लैप को काफ़ी सुरक्षित माना जा रहा है, जिसका शानदार उदाहरण मैथ्यूज़ को महफ़ूज़ करने वाले इस वाक़्ये ने दिखाया। मैथ्यूज़ को लगी इस चोट ने उनके जज़्बे में कोई कमी नहीं होने दी, श्रीलंकाई कप्तान ने इसके बाद भी बल्लेबाज़ी जारी रखी, हालांकि इस पारी के दौरान उन्हें पैर में चोट भी लगी जब खिलाड़ी का सीधा थ्रो उनके पैर में आकर लगा। मैथ्यूज़ क्रैंप का भी शिकार हुए और 28 रनों पर उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा, लेकिन आख़िरी लम्हों में वह एक बार फिर बल्लेबाज़ी करने आए और 40 रन बनाकर आउट हुए।

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