बांग्लादेश में एक 14 वर्षीय क्रिकेटर फैसल हुसैन को एक बल्लेबाज द्वारा गुस्से में फेंके हुए स्टम्प से लगने से मौत हो गई। दो पड़ौसी टीमों के बीच दोस्ताना मैच के दौरान यह घटना घटित हुई। स्थानीय पुलिस के अधिकारी जहांगीर आलम के अनुसार “बल्लेबाज आउट होने के बाद गुस्से में था। उसने स्टम्प को उखाड़कर हवा में उछाल दिया। फेंका हुआ स्टम्प फील्डिंग कर रहे फैसल हुसैन के गर्दन और सिर में जाकर लगा। उसके बाद वो जमीन पर गिर गया और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस के अनुसार मृतक आउट होने वाले बल्लेबाज के नजदीक ही खड़े होकर फील्डिंग कर रहा था और दुर्भाग्य से स्टम्प सीधा उस पर आकर गिरा। हालांकि पुलिस का यह भी कहना है कि बल्लेबाज ने इरादतन ऐसा नहीं किया था। उसे अनजाने में हुई इस हत्या के लिए हिरासत में लिया गया है और मुकदमा चलाया जाएगा। क्रिकेट को ग्रामीण स्तर तक गंभीरता से लेने वाले बांग्लादेश में ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है। मई 2016 में राजधानी ढाका में नो बॉल देने पर अंपायर को ताना मारने के कारण एक 16 वर्षीय क्रिकेटर को पीटकर मार डाला। उस मैच में विकेट लेने वाले गेंदबाज की गेंद को नो बॉल करार देने के बाद कीपर को ऐसा लगा कि बल्लेबाज को अंपायर ने बचाने की कोशिश की है। इस पर अंपायर को बोलने के बाद बल्लेबाज ने स्टम्प से कीपर की पीठ पर जोरदार वार किया और वह वहीं गिर गया। अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। क्रिकेट को हमेशा से ही भद्र लोगों का खेल कहा गया है और ऐसा होना भी चाहिए। लेकिन इस प्रकार की कुछ अमर्यादित घटनाओं ने खेल को भी शर्मसार किया है। हालांकि इस मामले में खिलाड़ी ने जान-बूझकर हत्या नहीं की। आउट होना खेल का एक स्वाभाविक हिस्सा है इसलिए स्टम्प उखाड़कर हवा में उछालना आदि हरकतों से परहेज करना ही बेहतर होता है क्योंकि इससे अनजाने में कब अनहोनी हो जाए, यह एहसास घटना घटित होने के बाद होता है।