टीम इंडिया के प्रमुख कोच के संबंध में उठ रहे सभी सवालों और संदेहों पर बीसीसीआई ने गुरुवार को विराम लगते हुए पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले को एक साल तक के लिए कोच पद पर नियुक्त किया है। धर्मशाला में पहली वार्षिक बैठक के तीसरे व अंतिम दिन बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के ने प्रेस कांफ्रेंस करके नए कोच के नाम की घोषणा की। नियुक्ति के कुछ देर बाद मीडिया से बातचीत करते हुए 45 वर्षीय कुंबले ने कहा, 'भारतीय ड्रेसिंग रूम में नई जिम्मेदारी के साथ दोबारा प्रवेश करने से बेहद खुश हूं। मैं हमेशा नई चुनौतियां लेने के लिए तैयार रहता हूं और इस भूमिका को निभाने के लिए भी तत्पर हूं। अब समय है कि देश को वापस कुछ दे सकूं। टेस्ट में 619 तथा वन-डे में 337 विकेट लेने वाले कुंबले अंतरराष्टीय क्रिकेट के दोनों प्रारूपों में सबसे सफल भारतीय गेंदबाज रहे हैं और टीम इंडिया के कोच पद के लिए उपयुक्त विकल्प माने जा रहे थे। सौरव, सचिन, लक्ष्मण और द्रविड़ के साथ बैठ कर बात करने की जरुरत : कुंबले वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज की योजना के बारे में बात करते हुए कुंबले ने कहा, 'मेरा मानना है कि कोच की भूमिका पर्दे के पीछे की होती है। पहले हमेशा खिलाड़ी आता है। वेस्टइंडीज के खिलाफ योजना जीत की रहेगी। आगामी सीरीज के लिए छोटी और बड़ी योजना है, लेकिन मैं अकेले योजना नहीं बना सकता, इसके लिए खिलाडियों की जरुरत है। मैंने अभी तक खिलाडियों से बात नहीं की है।' बता दें की बीसीसीआई ने पहली बार भारतीय कोच को चुनने के लिए पारदर्शिता अपनाते हुए 22 मई को नोटीफिकेशन जारी किया था। बोर्ड के पास 10 जून तक 57 आवेदन आए थे। इसके बाद सचिन, सौरव और लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति ने 21 उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट करके उनका इंटरव्यू किया था। अपने पूर्व साथियों के बारे में बात करते हुए कुंबले ने कहा, 'मैं बीसीसीआई और सलाहकार समिति का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझमें भरोसा जताया। जिन लोगों के साथ में क्रिकेट खेल चुका हूं, उनमें से तीन लोग समिति के सदस्य थे। सौरव प्रशासनिक भूमिका में थे। राहुल द्रविड़ जूनियर टीम के कोच हैं। हम पांच लोगों के बीच मैदान के अन्दर और बाहर अच्छे रिश्तें हैं। इन चारों खिलाडियों के साथ बैठकर भारतीय क्रिकेट के भविष्य की बेहतरी के बारे में बात करना है।