इस पूर्व भारतीय कप्तान ने टीम इंडिया के कोच पद के लिए आवेदन दिया

भारत के महानतम लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने भी भारत के कोच पद के लिए अपना नामांकन भरा हैं। विस्डन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार यह खबर सामने आई हैं। भारत को आईसीसी वर्ल्ड टी-20 के सेमीफ़ाइनल में मिली चैम्पियन वेस्ट इंडीज से हार के बाद टीम के निदेशक रवि शास्त्री, बल्लेबाज़ी कोच संजय बांगर, गेंदबाजी कोच बी अरुण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर का कार्यकाल भारतीय टीम के साथ खत्म हो गया था। यह सब 2014 में इंग्लैंड दौरे के समय से टीम के साथ हैं। बीसीसीआई ने 1 जून को एक विज्ञापन के जरिए भारतीय टीम के कोच पद के लिए आवेदन मांगे थे, जिनका कार्यकाल जुलाई में होने वाले वेस्ट इंडीज दौरे से शुरू होगा। बोर्ड ने बिना किसी नाम का खुलासा करते हुए बताया था कि इस पद के लिए 57 लोगों ने अपना आवेदन भेजा हैं। अब खबर यह आई हैं कि इसमे एक नाम अनिल कुंबले का भी हैं। कुंबले 2008 में क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद भी लगातार क्रिकेट से जुड़े रहे। वो 2012 तक आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेले, उसके बाद आरसीबी के मैंटर के रूप में भी टीम के साथ रहे। कुंबले कुछ समय तक आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस के मैंटर भी रहे, जिसमे टीम ने 2013 में आईपीएल का खिताब भी अपने नाम किया। हालांकि 2015 में इंटरनेशनल कमिटमेंट के कारण वो मुंबई टीम से अलग हो गए। जम्बो के नाम से मशहूर कुंबले 2010-2013 तक कर्नाटक स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा वो पिछले साल सितंबर तक बीसीसीआई की टेक्निकल कमेटी के चेयरमैन भी रहे। इस समय वो आईसीसी की क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन भी हैं। बीसीसीआई ने कोच पद के लिए जो सबसे पहली शर्त रखी थी, वो थी जो भी केंडीडेट हो उसके पास किसी न किसी घरेलू या इंटरनेशनल टीम के कोच का अनुभव हो। कुंबले इस शर्त को पूरा नहीं कर पाते, क्योंकि वो मैंटर के रूप में टीम के साथ रहे हैं। हालांकि जो रुतबा मैदान के अंदर और बाहर हैं, उसका मुक़ाबला कोई नहीं कर सकता। कुंबले टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट तो लिए ही हैं, साथ ही में उनका मैदान के अंदर बर्ताव और वो जिस तरह से खेलते हैं, वो दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। कुंबले के अलावा भारत के कोच पद के लिए रवि शास्त्री, संदीप पाटिल, वेंकटेश प्रसाद, रॉबिन सिंह और प्रवीण आमरे और भी कई लोगों ने अपना आवेदन भेजा हैं। बीसीसीआई के सेक्रेटरी अजय शिरके ने कहा कि जो भी नाम शॉर्ट लिस्ट होंगे, वो बोर्ड को दे दिये जाएँगे, जिसके बाद इसपर आखिरी फैसला लिया जाएगा। लेखक- प्रांजल , अनुवादक -मयंक महता