माना जाता है कि क्रिकेट अनिश्चित्ताओं का खेल है। पर इस खेल के पीछे लगी हुई खिलाड़ियों की मेहनत को नज़रअंदाज़ करना किसी तौहीन से कम नहीं होता। और उसी तरह किसी टीम को नंबर-1 बनाने के लिए एक कोच की भूमिका भी उतनी ही अहम होती है जितनी कि खिलाड़ियों की। लंबे अरसे से चल रही भारतीय टीम के कोच की तलाश अब अनिल कुंबले पर जाकर ख़त्म हुई है। बीसीसीआई द्वारा अनिल कुंबले को भारतीय टीम का कोच बनाए जाने पर देश भर से कुंबले को बधाई मिल रही है। बात जब अनिल कुंबले की आई तो ऐसे में उनका साथी गेंदबाज जिसने उनके साथ मैदान पर गेंदबाजी करते हुए एक लंबा समय बिताया है भला कैसे पीछे रह जाता। जी हां आपका अंदाज़ा बिल्कुल सही है बात यहां फिरकी के सरताज हरभजन सिंह की हो रही है। कुंबले को बहुत कम ऐसे खिलाड़ी हैं जो उन्हें करीब से जानते हैं, हरभजन उनमें से एक हैं। शायद इसी वजह से भज्जी का ये मानना है कि मौजूदा भारतीय टेस्ट कप्तान के लिए कुंबले एक अच्छे आदर्श और सहायक रहेंगे। इसी पर भज्जी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा “इसमें कोई शक नहीं कि कुंबले से बढ़कर टेस्ट में भारत के लिए कोई बड़ा मैच विनर होगा। उनके अंदर जीत की भूख थी जो टीम को और विराट को काफी हद तक फायदा पहुंचाएगी। कुंबले की तरह ही विराट भी टेस्ट मैचों में ड्रॉ की जगह जीत की तलब रखते हैं”। कुंबले के साथ करीब 10 साल तक खेलने के अनुभव पर उन्होंने ये साफ किया है कि कुंबले टीम को काफी कुछ दे सकते हैं। कुंबले के पास मैच में विरोधी टीम के खिलाफ रणनीति बनाने का बेहतरीन अनुभव है जो टीम को टेस्ट के चौथे और पांचवें दिन जीत हासिल करने में सफल रहेगा। अब देखना ये है कि क्या भज्जी की कही बातें कुंबले और कोहली के लिए सही साबित होंगी? क्या ये दोनों मिलकर भारतीय टीम को और ऊंचाइयां प्रदान करा पाएंगे? इसका पहला नज़ारा हमें वेस्टइडीज़ दौरे पर ही देखने को मिल पाएगा।