भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों व मीडिया के साथ जारी विवाद पर भारतीय कप्तान के स्वाभिमान की चिंता नहीं करने के लिए अपने ही बोर्ड की कड़ी आलोचना की है। इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लोढा समिति की सिफारिशों के मद्देनजर बीसीसीआई अध्यक्ष के पद से हटाए गए ठाकुर ने लगातार ट्वीट्स करते हुए बोर्ड के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की और साथ ही आरोप लगाया कि उसने भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मैदान के बाहर हो रही लड़ाई को नहीं रोका।
उन्होंने आगे कहा कि यह किस तरह की संधि है। बीसीसीआई को अपने कप्तान के मान सम्मान की परवाह ही नहीं है और ना ही वह अपने टीम तथा खिलाड़ियों के साथ खड़ा हुआ। ठाकुर के मुताबिक भारतीय बोर्ड के अधिकारी अपने ही खिलाड़ियों का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
(यह किस तरह की संधि है। बीसीसीआई को अपने कप्तान के मान सम्मान की परवाह ही नहीं है और ना ही वह अपने टीम तथा खिलाड़ियों के साथ खड़ा हुआ। ठाकुर के मुताबिक भारतीय बोर्ड के अधिकारी अपने ही खिलाड़ियों का समर्थन नहीं कर रहे हैं।)पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष ने भारत और आस्ट्रेलिया के बीच जारी टेस्ट सीरीज में डीआरएस को लेकर भारतीय कप्तान विराट को निशाना बनाने के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के अधिकारियों की भी आलोचना की और उनके इस व्यवहार को अभद्र तथा अहंकारपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि विराट जैसे दिग्गज के मामले में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और सीए के अधिकारियों का बर्ताव अभद्र रहा है। सीए का अहंकार है जो हमेशा से क्रिकेट में मर्जी चलाने और खिलाड़ियों को निशाना बनाने की कोशिश करता आ रहा है। ठाकुर के इन ट्वीट्स से धर्मशाला में होने वाला टेस्ट अब अधिक रोमांचक हो चुका है जहां खिलाड़ियों के बीच तनातनी देखने को मिल सकती है। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा सीरीज को हाल की सबसे बदनाम टेस्ट सीरीज में से एक करार दिया जा चुका है।