क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के बेटे अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) ने डेब्यू मैच में शतक लगाकर अपने रणजी करियर की शानदार शुरुआत की है। अपनी इस शानदार पारी के बदौलत अब वह अपने पिता यानी सचिन के क्लब में शामिल हो गए हैं।
इस शानदार पारी को खेलने के बाद अर्जुन ने कहा कि, वह अपनी बल्लेबाजी की काबिलियत पर पूरा विश्वास रखते हैं और सुयश प्रभुदेशाई के साथ बल्लेबाजी के दौरान, उन्होंने अपनी स्ट्रेटजी को ध्यान से फॉलो किया।
23 साल के अर्जुन तेंदुलकर ने 14 दिसंबर (बुधवार) को गोवा की तरफ से खेलते हुए राजस्थान के खिलाफ 207 गेंदों में 120 रनों की शतकीय पारी खेली। इस पारी में 16 चौके और 2 छक्के लगाए।
अपनी इस शानदार शतक के बाद अर्जुन ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मुझे हमेशा से अपनी काबिलियत पर भरोसा है, और मुझे पता है कि अगर मैं सेट हूं, तो मैं काफी रन बना सकता हूं। मुझे सिर्फ पहले एक घंटे खेलना था और फिर उसे ही कैपेटिलाइज करना था। जब मैं बल्लेबाजी के लिए आया तो मुझे ज्यादा से ज्यादा गेंद खेलनी थी क्योंकि सुयश 80 रन पर खेल रहे थे और मेरा काम उन्हें प्रोटेक्ट करने का था।"
अर्जुन ने आगे कहा, "आज तो मुझे सिर्फ बेसिक्स पर ध्यान देना था। मैंने पहला एक घंटा गेंदबाजों को दिया। सुबह के टाइम नई गेंद से गेंदबाजों को फायदा मिलता है। उस टाइम पीरियड को निकालने के बाद हमे सिर्फ उन्हें कैपिटिलाइज करना था और ज्यादा से ज्यादा रन बनाने थे।"
34 साल पहले सचिन ने भी किया था ऐसा कारनामा
अंडर-19 क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के खिलाफ 91 रन बनाने के अलावा, तेंदुलकर ने अंडर-14 और अंडर-16 सिलेक्शन खेलों में शतक जमाए। हालांकि, यह BCCI द्वारा आयोजित खेलों में उनका पहला शतक था।
सुमिरन अमोनकर एकमात्र अन्य बल्लेबाज हैं जिन्होंने फर्स्ट-क्लास में गोवा के लिए शतक बनाया है। आपको बता दें कि अर्जुन के पिता सचिन तेंदुलकर ने 34 साल पहले अपने पहले रणजी मैच में शतक लगाया था।