प्रणव धनावड़े और अर्जुन तेंदुलकर के ऊपर चल रही बहस पर प्रणव धनावड़े के पिता प्रशांत धनावड़े ने ही विराम लगाने की कोशिश की है। सचिन तेंदुलकर के पुत्र अर्जुन तेंदुलकर के वेस्ट ज़ोन की अंडर-16 टीम में चयन के बाद लगातार सोशल मीडिया पर यही चर्चा चल रही है कि 'तेंदुलकर सरनेम' की वजह से एक पारी में हज़ार रन बनाने वाले प्रणव धनावड़े की जगह अर्जुन तेंदुलकर को शामिल किया गया। इस बहस को प्रणव धनावड़े के पिता ने ये कहते हुए विराम लगा दिया कि, "अर्जुन तेंदुलकर का चयन बिल्कुल सही हुआ है, और मेरा बेटा प्रणव नियम के मुताबिक़ चयन के क़ाबिल नहीं है।" एक अंग्रेज़ी अख़बार को दिए इंटरव्यू में प्रशांत धनावड़े ने कहा, "जब प्रणव ने 1009 रनों का रिकॉर्ड बनाया था, तब वह 16 साल की उम्र का था ही नहीं। और मुंबई की अंडर-16 टीम का चयन प्रणव के रिकॉर्ड से पहले ही हो गया था। प्रणव ने उस रिकॉर्ड पारी के बाद बस एक मैच खेले हैं, लिहाज़ा वह ज़ोनल की टीम के लिए चयन के क़ाबिल ही नहीं हैं।" साथ ही साथ प्रणव के पिता ने ये भी कहा कि, "चयनकर्ताओं ने ज़ोनल टीम में चयन का पैमाना मुंबई के लिए पिछले 2-3 सालों का प्रदर्शन रखा था, और मेरा बेटा मुंबई के लिए खेला ही नहीं था तो उसके चयन का सवाल ही नहीं उठता।" प्रशांत धनावड़े के इस बयान के बाद अर्जुन तेंदुलकर के चयन पर चल रही बहस को थम जाना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा, "अर्जुन एक बेहद प्रतिभावान और मेहनती खिलाड़ी है, अगर कोई उनके खेलते हुए देख लेता तो इस तरह का वाहियात सवाल ही नहीं उठाता।" उम्मीद है कि प्रणव धनावड़े के पिता के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर अर्जुन तेंदुलकर के चयन को लेकर सचिन तेंदुलकर को बदनाम करने की कोशिश पर विराम लग जाए।