तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) भारत (Indian Cricket Team) के लिए तीनों ही प्रारूपों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इंग्लैंड के खिलाफ समाप्त हुयी टेस्ट सीरीज में भी वह भारत के सबसे सफल गेंदबाज थे। पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा (Ashish Nehra) ने भी बुमराह की प्रशंसा की और कहा कि बुमराह की सबसे बड़ी खासियत है कि वह अपनी गलतियों को दोहराते नहीं हैं। बुमराह ने टेस्ट प्रारूप में अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है। शुरुआत में बुमराह को सफ़ेद गेंद का ही गेंदबाज माना जाता था लेकिन उन्होंने दिखाया कि उनके पास टेस्ट प्रारूप में भी सफल होने का हुनर है।
इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज के 4 मैचों में बुमराह ने 18 विकेट चटकाए और भारतीय तेज गेंदबाजी के लीडर के रूप में जबरदस्त प्रदर्शन किया। बुमराह ने सीरीज में अहम मौकों पर टीम के लिए विकेट निकाले, जिससे भारतीय टीम ने इंग्लैंड पर दवाब बनाये रखा।
सोनी स्पोर्ट्स पर भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज की समीक्षा करते हुए, आशीष नेहरा ने जसप्रीत बुमराह के साधारण प्रदर्शन के बाद वापसी करने की काबिलियत की प्रशंसा की। उन्होंने इस बारे में कहा,
मेरे लिए सबसे अहम चीज यह कि जसप्रीत बुमराह अपनी गलतियों को नहीं दोहराते। आंकड़े देखें तो पहले मैच में उन्होंने शायद पांच विकेट लिए थे, नॉटिंघम टेस्ट में 7-8 बल्लेबाजों को आउट किया लेकिन उसके बाद ऐसा नहीं हुआ कि उन्होंने सीरीज में 30 विकेट लिए हों। इसके बाद उन्हें तीसरे टेस्ट में ज्यादा विकेट नहीं मिले लेकिन जिस तरह से उसने वापसी की और वह अच्छी तरह जानता है कि उसे कब प्रयास करने की जरूरत है।
नेहरा ने इस इस बात की भी तारीफ की कि किस तरह बुमराह ने टेस्ट प्रारूप में अधिक अनुभव ना होने के बावजूद भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा,
जिमी एंडरसन के पास बहुत अधिक अनुभव है। बुमराह उनमें से नहीं हैं, जिन्होंने 100 टेस्ट मैच पहले ही खेले हों। लेकिन उनकी सबसे बड़ी खासियत यही है कि वह दूसरों की तुलना में जल्दी सीखते हैं और उनके पास एक्स-फैक्टर भी है।
बुमराह भारत के लिए सबसे तेज 100 टेस्ट विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज बने
जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में शानदार गेंदबाजी की थी और ओवल टेस्ट के अंतिम दिन उन्होंने बड़ी उपलब्धि अपने नाम की थी। बुमराह भारत के लिए टेस्ट प्रारूप में सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। उन्होंने कपिल देव के इस रिकॉर्ड को अपने नाम किया। बुमराह ने 24 मैचों में यह कारनामा किया, वहीं कपिल देव ने यह उपलब्धि 25 मैचों में हासिल की थी।