आशीष नेहरा ने बताया कि उनके यो-यो टेस्ट का स्कोर कितना रहा और क्यों उनके लिए ये आसान रहा

भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास ले लिया। इसके बाद अब वो कमेंटेटर की भूमिका में नजर आ रहे हैं। भारत और श्रीलंका के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में वो हिंदी टीम में कमेंट्री कर रहे हैं। इस दौरान आशीष नेहरा अपने क्रिकेट करियर की कुछ अहम बातों का खुलासा भी कर रहे हैं। ऐसे ही बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि यो-यो टेस्ट में उन्होंने कितने स्कोर हासिल किए और क्यों अन्य क्रिकेटरों की तुलना में ये उनके लिए आसान रहा। न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 श्रृंखला के पहले आशीष नेहरा को भी यो-यो टेस्ट देना पड़ा था और इसमें पास होने के बाद ही उनका चयन भारतीय टीम में हुआ था। इस बारे में नेहरा ने कहा ' जिस तरह साल 2002-03 में हम ब्लिप टेस्ट देते थे, ठीक उसी तरह यो-यो टेस्ट भी है। इस टेस्ट में आपको दिए गए समय के अंदर 20 मिनट का इलाका कवर करना होता है और उसी तय समय के अंदर वापस उसी जगह पर आना होता है जहां से आपने शुरु किया था। जब आप 13 या 14 रेटिंग प्वाइंट पर पहुंच जाते हैं तो फिर आप अपनी गति बढ़ाते हैं। भारतीय टीम ने 16.1 का स्टैंडर्ड अभी सेट किया और जल्द ही ये 16.5 हो जाएगा, इसलिए इस टेस्ट में आपको काफी दौड़ना होता है। मुझे ये करने में आसानी हुई क्योंकि एक तेज गेंदबाज के तौर पर मुझे रनिंग पसंद है। हालांकि कुछ खिलाड़ियों को इसमें जरुर दिक्कत होती है, जैसे कि युवराज सिंह अभी भी ये टेस्ट पास नहीं कर पाए हैं। नेहरा ने आगे कहा कि यो-यो टेस्ट को पास करने के लिए क्वालीफाइंग मार्क 16.1 है लेकिन उन्होंने 18.5 अंक हासिल किए। वहीं हार्दिक पांड्या और मनीष पांडे जैसे युवा खिलाड़ियों ने 19 अंक हासिल किए। हालांकि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने इस टेस्ट में कितने नंबर हासिल किए, नेहरा इस बारे में नहीं बता पाए। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। नेहरा ने कहा ' सभी खिलाड़ियों ने 16.1 से ज्यादा नंबर हासिल किए और ये क्वालीफाइंग नंबर हैं। हार्दिक पांड्या ने 19 नंबर हासिल किए जबकि इंग्लैंड के खिलाफ टी20 श्रृंखला से पहले मैंने 18.5 नंबर हासिल किए थे। मनीष पांडे ने भी 19 का आंकड़ा छुआ, लेकिन कप्तान विराट कोहली के नंबरों का मुझे आइडिया नहीं है। गौरतलब है भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और चयनकर्ताओं ने टीम में चयन के लिए सभी खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट पास करना अनिवार्य बना दिया है। जब टीम चयन की बात होती है तो खिलाड़ियों को इस पर खरा उतरना होता है, ताकि पता चल सके कि वो खिलाड़ी कितना फिट है। भारतीय टीम के लिए युवराज सिंह और सुरेश रैना अभी इस टेस्ट को पास नहीं कर पाए हैं और यही वजह है कि युवराज को टीम में जगह नहीं मिल रही है। कप्तान कोहली जब से टीम के कप्तान बने हैं उन्होंने फिटनेस को काफी ज्यादा अहमियत दी है ताकि मैदान पर खिलाड़ियों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो।