एशिया कप के आगाज के साथ बांग्लादेश ने जता दिया कि इस टूर्नामेंट में पुराने रिकॉर्ड के आधार पर किसी टीम को जीत का दावेदार मानना गलत साबित हो सकता है। उसने पहले ही मैच में श्रीलंका को 137 रनों से हराया। इस दौरान तमीम इकबाल ने जिस साहस का परिचय दिया वह काबिलेतारीफ है। उन्होंने कलाई में फ्रैक्चर होने के बाद भी मैदान पर उतरने का फैसला किया। हालांकि पूर्व चैंपियन टीम को मानसिक मजबूती तो मिलती ही है। एशिया में क्रिकेट की बादशाहत तय करने वाले इस टूर्नामेंट में भारत का दबदबा रहा है। साथ ही उसका चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान भी इस टूर्नामेंट में प्रबल दावेदार बनकर ही उतर रहा है। यही कारण है कि इस दो टीमों के फाइनल में पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक और रोमांचक मुकाबला इंतजार कर रहा है। भारत की रही है बादशाहत भारत ने अब तक सबसे ज्यादा छह बार एशिया कप का खिताब जीता है। इसमें पांच एकदिवसीय फॉर्मेट जबकि एक बार टी-20 फॉर्मेट में मैच खेला गया। वहीं उसने इस टूर्नामेंट में कुल 48 मैच खेले हैं जिसमें से 31 में उसे जीत मिली है और 16 मैच उसके हाथ से निकल गए। एक मैच बगैर किसी नतीजे के खत्म हुआ। अप्रैल 1984 में यूएई के शारजाह में खेले गए पहले टूर्नामेंट में भारत ने श्रीलंका को 10 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया था। इसके बाद उसने 1988 में बांग्लादेश की मेजबानी में श्रीलंका को छह विकेट से मात देकर एशिया चैंपियन बना था। भारतीय टीम ने एशिया कप में खिताबी हैट्रिक अपनी मेजबानी में 1990/91 में पूरी की। इस बार भी भारत का शिकार श्रीलंका ही बना। उसने श्रीलंका को सात विकेट से हराकर तीसरी बार खिताब अपने नाम की। 1995 में शारजाह में एक बार फिर श्रीलंका को आठ विकेट से हराकर भारत ने चौथी बार खिताब अपने नाम किया। खिताब के लिए 15 साल का इंतजार 1995 में एशिया कप जीतने के बाद भारत को अगले खिताब के लिए 15 साल इंतजार करना पड़ा। 2010 में मेजबान श्रीलंका को 81 रनों से हराकर उसने पांचवीं बार खिताब अपने नाम किया। हालांकि इसके बाद भी भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में ज्यादा अच्छा नहीं कर पाई और 2012 व 2014 में उसे फाइनल तक पहुंचने का मौका भी नहीं मिला। इसके बाद 2016 में पहली बार इस टूर्नामेंट को टी-20 फॉर्मेट में खेला गया। बांग्लादेश की मेजबानी में खेले गए इस टूर्नामेंट में भारत ने खिताबी जीत हासिल की। शारजाह में पाकिस्तान ने खेले कई मैच शारजाह पाकिस्तान के लिए घरेलू पिच से कम नहीं है। क्रिकेट जगत में यह किस्सा तो आम है कि जब एक दौर में पाकिस्तान भारत को हराने में नाकाम रहा था तब उसने शारजाह में भारत को रणनीति के तहत खेलने के लिए कहा और उसे मात दी। शारजाह पाकिस्तान के लिए घरेलू पिच के समान है। पाकिस्तान में सुरक्षा हालात के बाद जब भी किसी देश को पाकिस्तान के साथ खेलना होता है उन्हें शारजाह की पिच ही मेजबानी के लिए मिलती है। भारत के खिलाफ इस टूर्नामेंट के पहले मैच में उसे उस बात का फायदा मिल सकता है।