दिग्गज क्रिकेटर गौतम गंभीर ने 18वें एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ये सभी खिलाड़ी क्रिकेटरों से कहीं ज्यादा बड़े हैं क्योंकि इनमें से कई लोगों ने काफी मुश्किल हालातों से निकल कर देश के लिए पदक जीता है। गौतम गंभीर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि स्व्पना बर्मन जैसे खिलाड़ियों की कहानी काफी प्रेरणादायक है, जिन्होंने इतने मुश्किल हालातों के बावजूद हार नहीं मानी। हमारे देश में क्रिकेटरों की बात ज्यादा होती है क्योंकि क्रिकेट काफी लोकप्रिय है लेकिन मेरा हमेशा से ये मानना रहा है कि अन्य खेलों में कहीं ज्यादा अच्छे हीरो होते हैं। गंभीर ने कहा कि सभी एथलीटों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। हमारे बैडमिंटन खिलाड़ियों ने भी शानदार खेल दिखाया, निशानेबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। अगर देखा जाए तो क्रिकेट से ज्यादा हीरो अन्य खेलों में हैं। यही लोग असली चैंपियन हैं। गंभीर ने आगे कहा कि लोग इनकी चर्चा ज्यादा नहीं करते हैं लेकिन उम्मीद है अब चीजें बदलेंगी। मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि क्रिकेटर जो मैदान पर हासिल करते हैं उससे कहीं ज्यादा ये लोग हासिल करते हैं। क्रिकेटर भी अपने देश के लिए खेलते हैं लेकिन क्रिकेटरों को जितना पैसा और सुविधा मिलता है उतना इनको नहीं मिलता है। गौरतलब है इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबांग में खेले गए 18वें एशियाई खेलों में भारत ने कुल मिलाकर 69 पदक जीतकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। भारत ने 2010 गुआंगझोउ एशियाई खेलों के 65 पदकों के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा। इसके साथ ही भारत ने सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक जीतने के रिकॉर्ड की भी बराबरी की। इससे पहले भारत ने 1951 में नई दिल्ली में आयोजित हुए पहले एशियाई खेलों में 15 स्वर्ण पदक जीता था। स्वप्ना बर्मन, तजिंदर पाल तूर, मंजीत सिंह, अरपिंदर सिंह, हिमा दास, पिंकी बलहारा, वर्षा गौतम और स्वेता शेरवेगार जैसे खिलाड़ियों ने मुश्किल हालातों के बावजूद मेडल जीत देश का नाम रोशन किया।