AUSvENG: ज़ुबानी जंग के बाद अब बारी है एशेज़ की असली लड़ाई की, कुछ ही घंटों बाद ब्रिसबेन में खेला जाएगा मुक़ाबला

वैसो तो क्रिकेट या किसी भी खेल में जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आते हैं तो रोमांच अपने चरम पर होता है। लेकिन एक और लड़ाई है जिसका इंतज़ार सभी क्रिकेट प्रेमी को बेसब्री से रहता है, और वह है ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट मैदान पर लड़ाई। जी हां, जिसे हम एशेज़ के नाम से जानते हैं, क्रिकेट इतिहास की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक लड़ाई के तौर पर जाना जाता है द एशेज़ को। वैसे तो इन दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज़ 1876 से खेली जा रही है, लेकिन इस सीरीज़ का नाम एशेज़ 1882 से पड़ा। जब 1882 में ऑस्ट्रेलिया के हाथों क्रिकेट के जन्मदाता इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज़ में हार मिली थी। तब ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की सुर्खियां थी ‘’इंग्लिश क्रिकेट का देहांत, शरीर को दफ़नाने के बाद राख को ऑस्ट्रेलिया ले जाया गया।‘’ तब के इंग्लिश कप्तान इवो ब्लिग ने ‘’एशेज़’’ शब्द को पकड़ लिया और अगले साल ये कहकर ऑस्ट्रेलिया गए कि हमें राख (एशेज़) वापस लाना है। और तब से इन दोनों देशों के बीच की सीरीज़ को द एशेज़ के नाम से जाना जाता है। एशेज़ को बचाना इंग्लैंड के लिए चुनौती फ़िलहाल एशेज़ इंग्लैंड के पास है जो उन्होंने अपने ही घर में 2015 सीरीज़ में 3-2 से जीती थी। लेकिन इस बार ये इतना आसान नहीं होने वाला, एशेज़ 2017 की शुरुआत ब्रिसबेन के ऐतिहासिक गाबा मैदान पर गुरुवार से होगी। ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर में हराना किसी भी टीम के लिए मुश्किल चुनौती होती है। हालांकि इंग्लैंड का हालिया फ़ॉर्म और जीत की भूख इस सीरीज़ को बेहद दिलचस्प ज़रूर बना रही है, पर पिछले कुछ सालों से इंग्लैंड के सबसे बड़े मैच विनर बेन स्टोक्स का इस दौरे पर न होना मेज़बान टीम को एडवांटेज दे रहा है। अनुशासनहीनता और नाइट क्लब में किए गए दुर्व्यवहार की वजह से स्टोक्स को एशेज़ सीरीज़ से बाहर रखा गया है। हालांकि टीम में एलिस्टेयर कुक, जो रूट, जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की मौजूदगी इस सीरीज़ को रोमांचक ज़रूर बना सकती है। गाबा मतलब ऑस्ट्रेलिया की जीत की गारंटी ये मैदान ऑस्ट्रेलिया के लिए बेहतरीन रहा है, 29 सालों से ऑस्ट्रेलिया को इस मैदान पर टेस्ट में हार नहीं मिली है, इस दौरान उन्होंने गाबा में 28 मैच खेले हैं। जो एक मैदान पर बिना हारे लगातार सबसे ज़्यादा मैच खेलने का दूसरा सबसे लंबा रिकॉर्ड है, विश्व कीर्तिमान पाकिस्तान के नाम है जिन्होंने 1955 से 2000 के बीच कराची के नेश्नल स्टेडियम में एक भी मैच नहीं हारा था। इतना ही नहीं इस मैदान पर इंग्लैंड को आख़िरी बार 1986 में जीत नसीब हुई थी, यानी आंकड़े मैच शुरू होने से पहले ही कंगारुओं की पकड़ बयां कर रहे हैं। काग़ज़ पर मेज़बान की तुलना में मेहमान हैं भारी घरेलू समर्थन और गाबा का शानदार रिकॉर्ड भले ही कंगारुओं के साथ हो, लेकिन काग़ज़ पर मेज़बान नहीं बल्कि मेहमान ख़तरनाक दिखाई दे रहे हैं। बेन स्टोक्स की ग़ैर मौजूदगी में भी इंग्लिश टीम काफ़ी संतुलित दिख रही है। बल्लेबाज़ी में जहां उनके पास अनुभवी एलिस्टेयर कुक, कप्तान जो रुट, विकेटकीपर बल्लेबाज़ जॉनी बेयरस्टो के साथ साथ युवा मार्क स्टोनमैन और डेविड मलान हैं तो क्रिस वोक्स और मोइन अली गेंद और बल्ले दोनों से ही धमाल मचा सकते हैं। बात अगर गेंदबाज़ी की करें तो मौजूदा वक़्त में नई गेंद के सबसे अनुभवी जोड़ीदार मेहमान टीम के पास है। टेस्ट क्रिकेट में 500 से ज़्यादा विकेट लेने वाले आईसीसी टेस्ट रैंकिंग के नंबर-1 गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन एक तरफ़ हैं तो उनका साथ देने के लिए मौजूद हैं टेस्ट रैंकिंग में नंबर-10 पर काब़िज़ स्टुअर्ट ब्रॉड। एंडरसन और ब्रॉड ने अभ्यास मैचों में भी अपने प्रदर्शन से कंगारुओं को डरा ज़रूर दिया है, इतना ही नहीं तीसरे तेज़ गेंदबाज़ की भूमिका में क्रिस वोक्स भी किसी से कम नहीं। और अगर पिच में थोड़ा भी स्पिन मिला तो फिर इसका फ़ायदा ऑफ़ स्पिनर मोइन अली भी उठाने में पूरी तरह सक्षम हैं। डेविड वॉर्नर की गर्दन मेज़बानों के लिए चिंता का सबब मैच से ठीक पहले अभ्यास के दौरान डेविड वॉर्नर की गर्दन में आई मोच ने टीम मैनेजमेंट और कप्तान स्टीव स्मिथ के माथे पर शिकन ला दी है। वॉर्नर के कवर के तौर पर टेस्ट से बाहर किए गए ग्लेन मैक्सवेल को वापस बुलाया गया है। मैट रेनशॉ को भी ऑस्ट्रेलिया ने बाहर ही रखा है, और उनकी जगह सलामी बल्लेबाज़ी की भूमिका में कैमरन बैनक्रॉफ़्ट अपना डेब्यू करेंगे। अगर वॉर्नर नहीं खेल पाए तो प्लेइंग-XI में उनकी जगह ग्लेन मैक्सवेल होंगे और फिर बैनक्रॉफ़्ट के साथ पारी की शुरुआत शॉन मार्श करेंगे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए बुरी ख़बर यहीं नहीं रुक रही, मार्श को अभ्यास के दौरान पीठ में दर्द की शिक़ायत सामने आई है। यानी मैक्सवेल जो पहले वॉर्नर के बैकअप के तौर पर आए थे अब मार्श के भी कवर हैं। हालांकि उम्मीद है कि मैच की सुबह वॉर्नर और मार्श फ़िट हो जाएंगे, स्टीव स्मिथ ने तो मज़ाक़ में ये भी कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो मोच के बावजूद वॉर्नर टीम में रहेंगे और फिर वह पूर्व कैरेबियाई दिग्गज शिव नारायण चंद्रपॉल की तरह बल्लेबाज़ी करेंगे। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी का दारोमदार डेविड वॉर्नर (अगर फ़िट रहे), उस्मान ख़्वाजा, स्टीव स्मिथ और पीटर हैंड्सकॉम्ब के इर्द गिर्द रहेगा। 2010 के बाद टेस्ट मैच खेल रहे विकेटकीपर बल्लेबाज़ टिम पेन पर भी अत्याधिक दबाव होगा, जिनको शामिल किए जाने पर लगातार आलोचनाएं हो रही हैं। ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बेहतरीन चीज़ है उनकी गेंदबाज़ी, जहां पेस बैट्री का आगे से नेतृत्व कर रहे हैं मिचेल स्टार्क, तो उनका साथ देने के लिए जोश हेज़लवुड और पैट कमिंस जैसे बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ मौजूद हैं। और फिर नैथन लॉयन की उपस्थिति कहीं से दरकिनार नहीं की जा सकती, जो इस सीरीज़ में अगर 23 विकेट ले लेते हैं तो ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज क्रेग मैकडर्मट के 291 विकेट को पीछे छोड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले छठे गेंदबाज़ बन जाएंगे। पिच का पेंच और मौसम का मिज़ाज गाबा की पिच हमेशा की तरह तेज़ और उछाल वाली पिच ही होगी, जहां बल्लेबाज़ों के साथ साथ तेज़ गेंदबाज़ों को भी पूरी मदद मिलेगी। पिच क्यूरेटर की मानें तो तीसरे दिन से ये स्पिन को भी मदद दे सकती है। हालांकि मौसम की भविष्यवाणी क्रिकेट के लिहाज़ से अच्छी नहीं है, ऐसा माना जा रहा है कि पांचों दिन बीच बीच में बारिश हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की संभावित अंतिम-11 ऑस्ट्रेलिया: डेविड वॉर्नर/ग्लेन मैक्सवेल, कैमरन बैनक्रॉफ़्ट, उस्मान ख़्वाजा, स्टीव स्मिथ, पीटर हैंड्सकॉम्ब, शॉन मार्श, टिम पेन, मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस, नैथन लॉयन और जोश हेज़लवुड इंग्लैंड: एलिस्टेयर कुक, मार्क स्टोनमैन, जेम्स विंस, जो रुट, डेविन मलान, जॉनी बेयरस्टो, मोइन अली, क्रिस वोक्स, जेक बॉल, स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन