ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए पहले वनडे मैच में भारतीय टीम को 34 रनों से हार का सामना करना पड़ा। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 50 ओवरों में 5 विकेट के नुकसान पर 288 रनों का स्कोर खड़ा किया, जवाब में भारतीय टीम 9 विकेट पर 254 रन ही बना पाई। हालांकि रोहित शर्मा ने 133 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें बाकी बल्लेबाजों का साथ नहीं मिला और इसी वजह से भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया सीरीज में अब 1-0 से आगे हो गई है और सीरीज का दूसरा मैच 15 जनवरी को एडिलेड में खेला जाएगा।
आइए जानते हैं सिडनी वनडे में भारतीय टीम की हार के 5 प्रमुख कारण क्या रहे:
5.खलील अहमद की गेंदबाजी
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भारतीय टीम इस मैच में भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और खलील अहमद की तेज गेंदबाजी के साथ उतरी थी। एक तरफ भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी ने जहां शुरुआत में बेहतरीन गेंदबाजी की, वहीं खलील अहमद अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे। भुवनेश्रर कुमार ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच को तीसरे ही ओवर में आउट कर भारतीय टीम को बेहतरीन शुरुआत दिलाई लेकिन दूसरे छोर से खलील अहमद उसका फायदा नहीं उठा सके।
उन्होंने अपने 8 ओवरों में 55 रन खर्च किए, जिससे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर पूरी तरह से दबाव नहीं बन पाया। खलील के बाकी बचे दो ओवर अंबाती रायडू से कप्तान विराट कोहली को करवाना पड़ा। अगर खलील ने अच्छी गेंदबाजी की होती तो ऑस्ट्रेलियाई टीम इतना बड़ा स्कोर नहीं बना पाती।
4. डेथ ओवरों में भारत की खराब गेंदबाजी
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भारतीय टीम ने इस मैच में लगभग 40 ओवरों तक बेहतरीन गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलियाई टीम पर दबाव बनाए रखा। उस्मान ख्वाजा 59 रन बनाकर आउट हुए, इसके बाद शॉन मार्श भी 54 रन बनाकर कुलदीप यादव का शिकार हो गए। लेकिन पीटर हैंड्सकोम्ब, मार्कस स्टोइनिस और ग्लेन मैक्सवेल ने आखिर के ओवरों में पारी को गति प्रदान की।
हैंड्सकोम्ब ने 61 गेंद पर 6 चौके और 2 छक्के की मदद से 73 रन बनाए। स्टोइनिस ने 43 गेंद पर 47 रनों की नाबाद पारी खेली और मैक्सवेल 5 गेंद पर 11 रन बनाकर नाबाद रहे। 40 ओवर के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम का स्कोर 195/4 था लेकिन आखिर के 10 ओवरों में उन्होंने 93 रन बनाए, जिसमें भुवनेश्वर कुमार के आखिरी ओवर में 18 रन बने।
भुवनेश्वर कुमार ने 10 ओवर में 66 रन दे डाले और कुलदीप यादव ने इतने ही ओवर में 54 रन खर्च कर डाले। यही वजह रही कि कंगारू टीम इतने बड़े स्कोर तक पहुंचने में सफल रही।
3. शुरूआत में जल्दी-जल्दी 3 विकेट गंवाना
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जब ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम के सामने 289 रनों का लक्ष्य रखा तब भारतीय टीम की बेहद मजबूत बल्लेबाजी को देखकर सभी फैंस आश्वस्त थे कि भारत इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और 4 रन के स्कोर पर ही टीम के 3 दिग्गज बल्लेबाज पवेलियन लौट गए।
सलामी बल्लेबाज शिखर धवन बिना खाता खोले पहले ही ओवर में चलते बने। इसके बाद भारतीय टीम को बड़ा झटका तब लगा जब कप्तान विराट कोहली अपनी पसंदीदा शॉट खेलते हुए महज 3 रन बनाकर आउट हो गए। उनका विकेट 4 रन के स्कोर पर गिरा। फिर बल्लेबाजी के लिए आए अंबाती रायडू भी बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए।
चौथे ओवर में ही महज 4 रन के स्कोर तक भारतीय टीम ने 3 विकेट गंवा दिए, जिसमें कप्तान विराट कोहली का बेशकीमती विकेट भी था। इस वजह से बाकी बल्लेबाजों पर दबाव काफी बढ़ गया और पारी संभालने के लिए उन्हें काफी धीमी पारी खेलनी पड़ी और अंत में यही हार की मुख्य वजह बनी।
2. महेंद्र सिंह धोनी की बेहद धीमी बल्लेबाजी
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भारतीय टीम की हार की एक और वजह रही महेंद्र सिंह धोनी की बेहद धीमी बल्लेबाजी। धोनी ने इस मैच में 51 रन बनाए लेकिन उसके लिए उन्होंने 16 ओवर यानि 96 गेंदे खेली। ये उनके करियर का दूसरा सबसे धीमा अर्धशतक था। उनकी धीमी बल्लेबाजी की वजह से जरूरी रन रेट का दबाव बढ़ता चला गया और आखिर में तेजी से रन बनाने के चक्कर में रोहित शर्मा अपना विकेट गंवा बैठे।
हालांकि एम एस धोनी जिस वक्त क्रीज पर आए उस समय भारतीय टीम काफी मुश्किल स्थिति में थी। टीम ने महज 4 रन तक अपने महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में यहां एक साझेदारी की जरूरत थी और धोनी ने रोहित के साथ मिलकर 137 रनों की बेहद महत्वपूर्ण साझेदारी भी की लेकिन अगर वो अपनी पारी के आगे तक ले जाते और तेजी से रन बनाकर जाते तो भारतीय टीम के जीत के मौके बढ़ जाते। टीम को जब सबसे ज्यादा उनकी जरूरत थी तभी उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया। हालांकि वो पगबाधा आउट नहीं थे लेकिन टीम के पास कोई रिव्यू नहीं था।
1.रोहित शर्मा को बाकी बल्लेबाजों का साथ ना मिलना
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रोहित शर्मा ने इस मैच में 129 गेंद पर 133 रनों की बेहतरीन पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में 10 चौके और 6 छक्के लगाए। वो इकलौते ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का डटकर सामना किया। जब तक वो क्रीज पर थे तब तक भारतीय टीम की जीत की उम्मीद बंधी हुई थी लेकिन 46वें ओवर में उनके आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया की जीत सुनिश्चित हो गई।
रोहित शर्मा ने शानदार शतक लगाया लेकिन अगर बाकी बल्लेबाजों को देखें तो महेंद्र सिंह धोनी (51 रन) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहा। टीम के 6 बल्लेबाज दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू सके। शिखर धवन, अंबाती रायडू, विराट कोहली, दिनेश कार्तिक, रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी नाकाम रहे और रोहित शर्मा को किसी भी बल्लेबाज का साथ नहीं मिला। अगर इनमें से कोई एक भी बल्लेबाज उनके साथ आखिर तक खड़ा रहता और बड़े शॉट्स लगाता तो मैच का नतीजा भारत के पक्ष में हो सकता था।