मौजूदा वनडे वर्ल्ड चैंपियन और दुनिया की बेहतरीन तीन टीमों से एक ऑस्ट्रेलिया के लिए चैंपियंस ट्रॉफ़ी निराशाजनक जा रही है। ऐसा नहीं है कि कंगारुओं ने अब तक ख़राब प्रदर्शन किया हो या किसी मुक़ाबले में हार झेली हो, लेकिन इसके बावजूद उनपर टूर्नामेंट से बाहर होने का ख़तरा मंडरा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने अब तक इस टूर्नामेंट में 2 मुक़ाबले खेले हैं और दोनों ही में उन्हें न जीत नसीब हुई और न ही वे हारे हैं। पहला मुक़ाबला न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ हुआ और दूसरा बांग्लादेश लेकिन दोनों ही बारिश की भेंट चढ़ गया। यानी 2 मैचों के बाद ऑस्ट्रेलिया के पास 2 अंक ही हैं। ग्रुप ए में इंग्लैंड 2 में 2 जीत के साथ नंबर-1 पर पहुंच गया है और सेमीफ़ाइनल की टिकट पक्की कर चुका है। जबकि दूसरे स्थान पर 2 अंको के साथ ऑस्ट्रेलिया है, न्यूज़ीलैंड और बांग्लादेश दोनों के ही पास 1-1 अंक हैं। इस ग्रुप में अब महज़ दो मैच बचे हैं, जिसमें से एक में न्यूज़ीलैंड और बांग्लादेश आमने-सामने होंगे तो दूसरे मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलिया का सामना मेज़बान इंग्लैंड के विरुद्ध होगा। ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और बांग्लादेश तीनों के पास अभी भी सेमीफ़ाइनल में पहुंचने के मौक़े तो हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने प्रदर्शन के साथ-साथ बारिश और अन्य टीमों के नतीजों पर भी नज़र रखना होगी। जानिए ग्रुप ए से कौन और कैसे दूसरी टीम बना सकती है सेमीफ़ाइनल में जगह:
- 9 जून को होने वाले मुक़ाबले में अगर न्यूज़ीलैंड की बांग्लादेश के ख़िलाफ़ जीत होती है तो कीवी टीम 3 अंको के साथ दूसरे स्थान पर आ जाएगी।
- लेकिन अगर बांग्लादेश ने कीवियों को शिकस्त दे दी तो वे 3 अंकों के साथ नंबर-2 पर आ जाएंगे।
- अगर न्यूज़ीलैंड-बांग्लादेश का मैच भी बारिश की भेंट चढ़ा तो दोनों ही टीम को एक-एक अंक मिलेंगे और इस हालात में ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और बांग्लादेश तीनों के 2-2 अंक हो जाएंगे।
- अगर ऐसा हुआ तो ऑस्ट्रेलिया के सामने इंग्लैंड से बस हार से बचना होगा क्योंकि अगर ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड का मैच बारिश से रद्द हुआ तो 3 अंकों के साथ ऑस्ट्रेलिया सेमीफ़ाइनल में जगह बना लेगा।
- पर बांग्लादेश और न्यूज़ीलैंड के बीच मैच का नतीजा आ जाता है तो फिर ऑस्ट्रेलिया के सामने इंग्लैंड को हराना अनिवार्य होगा। क्योंकि अगर वह इंग्लैंड से हारे या मुक़ाबला रद्द हुआ तो फिर ऑस्ट्रेलिया टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी और बांग्लादेश या न्यूज़ीलैंड (विजेता टीम) को मिल जाएगा अंतिम-4 का टिकट।
यानी ऑस्ट्रेलिया को सामने वाली टीम के साथ-साथ आसमान की तरफ़ भी नज़र बनाए रखनी होगी। इसका सबसे बड़ा कारण है जून के महीने में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफ़ी का आयोजन, इंग्लैंड में जून में सबसे ज़्यादा बारिश होती है। पिछली बार खेली गई 2013 चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भी कुछ मैच बारिश की भेंट चढ़े थे और फ़ाइनल मुक़ाबला भी 20-20 ओवर का करना पड़ा था। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि आईसीसी को जब पता था कि जून में इंग्लैंड में काफ़ी बारिश होती है तो फिर इस महीने मिनी वर्ल्ड कप का आयोजन का फ़ैसला क्यों लिया गया। अगर ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीम टूर्नामेंट से बाहर होती है तो इसके लिए कुछ हद तक आईसीसी का ये फ़ैसला भी ज़िम्मेदार होगा।