जैसे कि आईसीसी विश्व एकादश ने हाल ही में पाकिस्तान का दौरा किया, ऐसे में उनके 2005 के ऑस्ट्रेलिया दौरे को पीछे मुड़कर देखना दिलचस्प होगा। आईसीसी की सुपर सीरीज अक्तूबर 2005 में हुई थी और जिसमें तीन वनडे और दौरे की समाप्ति के लिए एक सुपर टेस्ट भी शामिल था। 1990 के दशक और 2000 के दशक के आरंभ में ऑस्ट्रेलिया विश्व क्रिकेट में राज कर रहा था। यह निर्णय लिया गया कि उन्हें चुनौती देने के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को एक टीम में शामिल किया जाएगा 5 खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका से थे, 3-3 इंग्लैंड और पाकिस्तान के थे, 2-2 भारत, श्रीलंका और वेस्टइंडीज के थे और एक खिलाड़ी न्यूजीलैंड का था। रोस्टर में एंड्रयू फ्लिंटॉफ, राहुल द्रविड़ और ब्रायन लारा की पसंद शामिल थी। पहला एकदिवसीय मैच
राज्य टीम विक्टोरिया के खिलाफ वार्म-अप मैच जीतने के बाद विश्व एकादश की टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे के लिए मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में उतरी। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। सलामी बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट और साइमन कैटिच ने 14 ओवर में तेजी से 80 रन जोड़ डाले। कप्तान रिकी पॉन्टिंग और कैटिच ने 23वें ओवर तक स्कोर को 128-1 रन तक पहुंचा दिया जिसके बाद एक नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे। स्पिन गेंदबाजों मुथैया मुरलीधरन और डेनियल विटोरी ने साथ मिलकर 6 विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया को 255-8 के स्कोर पर रोक दिया। जवाब में विश्व एकादश की शुरुआत खराब रही और अपने शीर्ष पांच बल्लेबाजों का विकेट 82 रन पर खो दिया। कुमार संगकारा ने 65 रन की पारी खेली लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने आखिरकार विश्व एकादश को 162 रन पर रोककर वह मैच 93 रनों से जीत लिया। एक बड़े पैमाने पर हुआ उद्घाटन खेल प्रमुख व्यक्तिगत योगदान के बिना ही था। हालांकि यह विश्व एकादश टीम के सामने आने वाली चीजों का एक संकेत था। दूसरा एकदिवसीय मैच
एक बार फिर से ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतते हुए पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 328/4 रन बना डाले। एडम गिलक्रिस्ट ने 103, रिकी पॉन्टिंग ने 66, डेमियन मार्टिन ने 54 और साइमन कैटिच के 47 रनों के योगदान की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने विश्व एकादश के सामने जीत के लिए विशाल लक्ष्य दिया। इस बार विश्व एकादश की शुरुआत अच्छी रही। सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल ने 48 गेंद पर अपना अर्धशतक लगाया और 17 ओवर तक टीम का स्कोर 125 तक पहुंचा दिया। हालांकि गेल के आउट होने के बाद विश्व एकादश की टीम पूरी तरह से लड़खड़ा गई, कई बल्लेबाज़ों के बीच आपसी तालमेल न होने की वजह से रन आउट देखने को मिले। आखिरकार विश्व एकादश की पारी 273 रनों पर समाप्त हो गई और ऑस्ट्रेलिया ने दूसरा एकदिवसीय मैच भी 55 रन से जीत गया। तीसरा एकदिवसीय मैच यह रिकी पॉन्टिंग के लिए हैट्रिक का समय था क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और विश्व इलेवन को लक्ष्य का पीछा करने के लिए चुना। मखाया एनटिनी ने माइकल क्लार्क को अपने जाल में फंसाते हुए LBW कर दिया और जल्द ही ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 15-1 हो गया। जिसके 7 ओवर के बाद 32 रन पर एडम गिलक्रिस्ट के रूप में ऑस्ट्रेलिया को दूसरा झटका लग गया। जिसके बाद रिकी पॉन्टिंग और डेमियन मार्टिन की जोड़ी ने अगले विकेट के लिए 85 रन जोड़ डाले। रिकी पॉन्टिंग को मुथैया मुरलीधरन की गेंद पर ब्रायन लारा के हाथों कैच आउट होना पड़ा। कप्तान पॉन्टिंग ने बहुमूल्य 68 रन की पारी खेली। निचले क्रम पर उतरे माइक हसी (75) और शेन वॉटसन (66) ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया के स्कोर को 50 ओवर में 293-5 तक पहुंचा दिया। 293 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी विश्व एकादश की पूरी की पूरी 28 ओवर में 137 पर ऑलआउट हो गयी। केवल वीरेन्दर सहवाग ही वॉटसन के हाथों रन आउट होने के पहले कुछ रन बना सके। वॉटसन इस मैच के हीरो साबित हुए, 39 पर 4 विकेट लिए, रन आउट भी किए और बहुमूल्य रन भी जोड़े। जिसकी बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने तीसरा वनडे मैच भी 156 रन से जीत लिया। सुपर टेस्ट
वनडे सीरीज़ में में मिली 0-3 की हार के बाद मेहमान टीम कुछ सम्मान के साथ ऑस्ट्रेलिया से वापस जाना चाहती थी। वनडे सीरीज के बाद सुपर टेस्ट सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया और ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता कर पहले बल्लेबाजी चुना। विश्व एकादश को एक बेहतरीन शुरुआत मिली जब स्टीव हार्मिसन ने जस्टिन लैंगर को मैच की पहली गेंद पर बोल्ड कर दिया। हालांकि सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने 111 और विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने 4 चौकों की मदद से 94 रन बना डाले। घरेलू टीम 345 रन पर आउट हो गई थी, जिसमें एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने चार विकेट लिए थे। लेकिन विश्व एकादश ऑलआउट होने से पहले स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 190 ही जोड़ सकी। ऑस्ट्रेलिया की ओर से लेग स्पिनर स्टुअर्ट मैकगिल और तेज़ गेंदबाज़ शेन वॉट्सन ने आपस में 7 विकेट बांटे। विश्व एकादश की तरफ से वीरेन्दर सहवाग 76 और जैक्स कैलिस 44 ने सर्वाधिक स्कोर बनाए। हालांकि दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 152-1 रन होने के बावजूद पूरी की पूरी टीम 199 पर सिमट गयी। 355 का लक्ष्य का बहुत बड़ा नहीं था पर मेहमान टीम के लिए लक्ष्य को पूरा करना थोड़ा मुश्किल लग रहा था। और एक बार फिर से विश्व एकादश की टीम लक्ष्य का पीछा करने में नाकामयाब साबित हुए और पूरी टीम 144 रन पर ऑलआउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से स्टुअर्ट मैकगिल ने 43 रन पर 5 विकेट झटक मेहमान टीम को हार का स्वाद चखा दिया। लेखक- जेम्स रोच अनुवादक- सौम्या तिवारी