Lisa Sthalekar life journey: एक पुरानी कहावत है कि जिसकी किस्मत में जो लिखा होता है वह उसे मिलता ही है। भगवान वैसे ही रास्ता बना देता है। मानो यह कहावत ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज महिला क्रिकेटर लिसा स्टालेकर के लिए ही बनी है। उनके खुद के मां-बाप ने उन्हें नकार दिया था और बचपन में दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया था। लेकिन उनको खुद भी ना पता होगा यह बच्ची एक दिन अपने परिवार ही नहीं बल्कि देश का नाम बढ़ाएगी। स्टालेकर का जीवन बेहद उतार- चढ़ाव भरा रहा है। इसी कड़ी में आपको लिसा के जीवन के कुछ ऐसे किस्से बताएंगे जिस पर भरोसा कर पाना बहुत मुश्किल है।
बचपन में अनाथालय छोड़ गए थे लैला के माता- पिता
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर लिसा मूल रूप से भारतीय हैं। लिसा का जन्म 13 अगस्त 1979 को हुआ था। लिसा के जन्म के बाद ही उनके माता-पिता उन्हें महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित ‘श्रीवत्स अनाथालय' में छोड़ गए थे। ऐसे यह बात आज तक पता नहीं है कि लिसा के असली माता - पिता कौन हैं। अनाथालय में उनका नाम ‘लैला’ रखा गया। लैला के माता- पिता की पता नहीं क्या मजबूरी थी लेकिन लैला की किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था और लैला की किस्मत भी बदलने वाली थी।
जब अमेरिकी जोड़े की नजर लैला पर पड़ी
दरअसल जब लैला अनाथालय में थी तब उन दिनों डॉ हरेन और सू नाम का एक अमेरिकी जोड़ा भारत घूमने आया था। यह कपल भारत घूमने क्या उनका भारत आने का मकसद एक लड़के को गोद लेना था। क्योंकि उनके परिवार में पहले से एक लड़की थी जिसकी वजह से वह भारत बच्चे की तलाश में आए थे। वह भारत के एक अनाथालय आश्रम में पहुंचे।
जहां उन्हें गोद लेने के कोई लड़का तो नहीं मिला लेकिन कपल की नजर लैला पर पड़ी। लैला की मासूमियत देख कपल ने लैला को गोद लेने का मन बना लिया था। कानूनी कार्रवाई करने के बाद, कपल ने लैला को गोद ले लिया था।और फिर कुछ हफ्तों बाद सभी अमेरिका चले गए। वहां 'सू' ने 'लैला’ का नाम बदलकर 'लिसा' कर दिया। कुछ वर्षों के बाद, यह पूरा परिवार सिडनी में स्थायी रूप से बस गया।
22 साल की उम्र में किया था वनडे डेब्यू
लिसा के पिता हरेन ने लिसा को क्रिकेट खेलना सिखाया। बचपन में वह घर के पार्क और गली के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थीं। लिसा को क्रिकेट खेलना तो पसंद था ही, इसी के साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई पर भी भरपूर ध्यान दिया। क्रिकेट के प्रति ऐसा लगाव था कि मात्र 22 साल की उम्र में लिसा ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के लिए अपना वनडे डेब्यू किया था।