पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने तेज गेंदबाज एस श्रीसंथ का समर्थन करते हुए बोर्ड से गुजारिश की है कि जो खिलाड़ी भ्रष्टाचार की सजा पूरी कर लेते हैं, उन्हें खेलने का दोबारा मौका दिया जाए। याद हो कि 2000 में मैच फिक्सिंग के आरोप के कारण अजहरुद्दीन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था। अजहरुद्दीन पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत में मैच फिक्सिंग के चलते आंतरिक जांच बैठाई थी, जिसके बाद इस मामले में सीबीआई ने हस्तक्षेप किया था। अजहर ने अपने आप को बेक़सूर साबित करने के लिए कोर्ट में लंबी लड़ाई की। आख़िरकार 2012 में आंध्र प्रदेश कोर्ट ने उनपर लगे प्रतिबंध को गैरकानूनी मानते हुए प्रतिबंध हटाया। जनवरी में फिर वह हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव नहीं लड़ सके, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं हुआ था कि प्रतिबंध तब तक हटा है या नहीं। एस श्रीसंथ का सवाल पूछने पर अजहरुद्दीन ने गुरुवार को कहा, 'गलती किसी से भी हो सकती है। ऐसे क्रिकेटरों को दूसरा मौका देना चाहिए।' बता दें कि बीसीसीआई ने 2013 आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग मामले में भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंथ को कथित तौर पर संलिप्त पाया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस द्वारा संगठित अपराध (मकोका) के प्रावधान के अंतर्गत दर्ज किये मामले को ख़ारिज किया। श्रीसंथ को किसी भी प्रकार का आधिकारिक क्रिकेट खेलने की इजाजत नहीं है और हाल ही में बीसीसीआई ने उन्हें स्कॉटलैंड में खेलने भी नहीं दिया। पूर्व भारतीय खिलाड़ियों अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर पर अजहरुद्दीन के साथ 2000 में पांच वर्ष का प्रतिबंध लगाया गया था। जडेजा ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला जबकि प्रभाकर दिल्ली रणजी टीम के कोच बने। अजहरुद्दीन ने इसके साथ ही राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की कप्तानी से महेंद्र सिंह धोनी को हटाकर स्टीव स्मिथ को बनाने की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'धोनी बड़े कप्तान है और इस तरह का बर्ताव उनसे करना सही नहीं है। आईपीएल भारत का है और कम अनुभवी विदेशी क्रिकेटरों से अधिक प्राथमिकता या मौके भारतीय खिलाड़ियों को मिलना चाहिए।