बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) के अधिकारी ने कहा कि शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan) अपनी आंख की समस्या का इलाज कराने के लिए पुराना तरीका अपनाएंगे। मौजूदा बांग्लादेश प्रीमियर लीग में रंगपुर राइडर्स का प्रतिनिधित्व कर रहे शाकिब अल हसन उद्घाटन मैच के बाद सिंगापुर रवाना हो गए। शाकिब पिछले साल भारत में संपन्न वनडे वर्ल्ड कप के समय से आंख की समस्या से जूझ रहे हैं। वो काफी असहज महसूस कर रहे हैं।
बांग्लादेश के कप्तान की बाईं आंख में समस्या है, जिसका वो उपचार कराने में जुटे हुए हैं। शाकिब ने ढंग से चीजें नहीं दिखने की शिकायत की थी, जिसके बाद इसका खुलासा हुआ था।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के वरिष्ठ फिजिशियन देबाशीष चौधरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा, 'शाकिब ने अपनी बाईं आंख को लेकर छोटी परेशानी की शिकायत की है। बांग्लादेश और विदेश में ओपथालमोलोजिस्ट से सलाह व कई बार आंख का विश्लेषण करने के बाद पुष्टि हुई कि ऑलराउंडर बाईं आंख में एक्स्ट्राफोवील सेंट्रल सेरस कोरियारेटिनोपैथी (CSR) से जूझ रहे हैं। यह फैसला लिया गया है कि इस समस्या को हल करने के लिए फिलहाल पुरानी सोच को अपनाया जाएगा।'
उन्होंने कहा, 'एक्स्ट्राफोवील सेंट्रल सेरस कोरियारेटिनोपैथी वो स्थिति है, जिससे रेटिना पर प्रभाव पड़ता है और इससे देखने में दिक्कत होती है। मेडिकल टीम शाकिब के मामले पर ध्यान दे रही है और पुरानी सोच के साथ चीजों का प्रबंध करने की कोशिश कर रही है।'
बीसीबी ने क्रिकेट जगत और फैंस से शाकिब की निजता का सम्मान करने की गुजारिश की क्योंकि वो अपने स्वास्थ्य और रिकवरी पर ध्यान लगा रहे हैं। बोर्ड ने साथ ही कहा कि ऑलराउंडर की स्थिति पर आने वाली अपडेट्स वो समय-समय पर देते रहेंगे।
यह समझा जा सकता है कि शाकिब अल हसन 2024 बीपीएल सीजन से बाहर नहीं हुए हैं क्योंकि वो अपनी आंख की समस्या का प्रबंध करके खेल सकते हैं। अगर ऐसी बात रही तो वो निचले क्रम में बल्लेबाजी करते दिख सकते हैं और अपना ज्यादा ध्यान चार ओवर गेंदबाजी पर लगा सकते हैं। शाकिब को गेंदबाजी करते समय कोई परेशानी नहीं हो रही, लेकिन जब वो बल्लेबाजी कर रहे हैं तो काफी असहज महसूस कर रहे हैं।
राइडर्स के अधिकारियों को उम्मीद है कि शाकिब जल्द ही टीम से जुड़ेंगे, लेकिन अगर ऑलराउंडर को सहज महसूस नहीं हुआ तो वो उन्हें खेलने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। यह भी जानकारी मिली है कि अगर शाकिब अल हसन पुराने इलाज से ठीक नहीं होते हैं तो उन्हें आंख की समस्या से छुटकारा पाने के लिए मुश्किल पद्यति से गुजरना पड़ सकता है। ऐसे परिदृश्य में वो कुछ समय तक क्रिकेट से बाहर रह सकते हैं।