बांग्लादेश के तेज़ गेंदबाज़ शाहदत हुसैन और उनकी पत्नी न्रित्तो शहादत को रविवार की सुबह कोर्ट ने नाबालिग नौकरानी केस से बरी किया। 30 वर्षीय इस तेज़ गेंदबाज़ और इनकी पत्नी पर आरोप था कि इन्होंने इनके घर पर काम करने वाली 11 साल की बच्ची पर जुल्म किया था और उसे मार पीटकर घर से निकाल दिया था। इस घटना के बाद वो बच्ची सड़क के किनारे चोटिल अवस्था में पाई गई थी जिसके बाद शहादत और उनकी पत्नी न्रित्तो पर केस दर्ज किया गया था। रविवार को सुबह जज तन्जिना इस्माइल ने इन दोनों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत न होने के कारण इस केस से बरी कर दिया। खबर है कि विरोधी वकील के पास इन दोनों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था। पीड़ित ने पिछले साल 6 सितम्बर को इस क्रिकेटर और उसकी पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जो मीरपुर पुलिस स्टेशन में दाखिल की गई थी। कोर्ट द्वारा इन दोनों पर चार्जेज पिछले साल ही 27 अक्टूबर को पढ़े गए जिसपर इन दोनों ने कोर्ट से इन्साफ की मांग भी की। पर मुख्य रूप से इस जोड़ी पर पुलिस द्वारा 27 दिसम्बर 2015 को चार्जेज लगाये गए थे। शहादत को साल 2015 में ही सितम्बर के महीने में इस केस के दाखिल होने के तुरंत बाद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड द्वारा ने निलंबित कर दिया गया था। उनके साथ साथ उनकी पत्नी पर भी महिला और बच्चों पर अत्याचार करने का केस दर्ज किया गया था। ये जोड़ी पिछले साल अक्टूबर से करीब दो महीने तक पुलिस की कस्टडी में रही। दिसम्बर महीने में इस जोड़ी को बेल पर रिहा किया गया पर बीसीबी द्वारा हुसैन पर केस चलने के कारन बैन लगा दिया गया था। शहादत जिन्हें इस साल बांग्लादेश प्रीमियर लीग का हिस्सा नहीं बनाया गया था रविवार की सुबह इस केस से पूरी तरह बरी होने पर खुद में काफी राहत महसूस कर रहे हैं। अब देखना ये है कि इस घटना बाद इस बंगलादेशी क्रिकेटर की वापसी मैदान पर कबतक हो पाती है।