आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले में बांग्लादेश की टीम भारत से हारकर भले ही बाहर हो गई हो लेकिन इस मैच में उन्होंने ऐसा कारनामा किया है जिसे बड़ी-बड़ी टीमें नहीं कर पाई। बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेले गए इस मुकाबले में इस टीम ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने हुए भारत के खिलाफ 264 रन बनाए लेकिन विश्व रिकॉर्ड उन्होंने बल्लेबाजी के दौरान नहीं बल्कि गेंदबाजी के दौरान बनाया। गेंदबाजी के दौरान भी बंगलादेशी टीम भारतीय बल्लेबाजों पर प्रभाव छोड़ने में नाकामयाब रही। टीम इंडिया ने टॉस के बाद मैच भी 40.1 ओवर में समाप्त कर दिया। भारत ने जरुरी रन महज 1 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिये। रोहित शर्मा ने शतक लगाया और कप्तान विराट कोहली ने अर्धशतक जमाया। धवन के अलावा किसी भी भारतीय बल्लेबाज को आउट नहीं कर पाने वाली बांग्लादेशी टीम के गेंदबाजों ने रिकॉर्ड कायम कर दिया। भारतीय पारी के दौरान बांग्लादेश के कप्तान मशरफे मोर्तजा ने 8 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया और उन्होंने सटीक लाइन और लेंथ रखते हुए कोई भी अतिरिक्त गेंद नहीं डाली। टीम इंडिया की पारी के दौरान 40 ओवर से अधिक गेंदबाजी हुई लेकिन एक भी अतिरिक्त रन वाइड और नो बॉल के रूप में नहीं मिला। इससे पहले इस वर्ष यूएई की टीम ने स्कॉटलैंड के खिलाफ खेलते हुए उनकी 229 रनों की पारी में कोई अतिरिक्त नहीं दिया था लेकिन अब बांग्लादेश भी ऐसा कर चुकी है। टेस्ट मैचों में इस प्रकार का रिकॉर्ड टीम इंडिया के नाम है। 1954-55 के सीजन में खेलते हुए पाकिस्तान ने लाहौर में पहली पारी में 328 रन बनाए थे लेकिन भारतीय गेंदबाजों द्वारा इसमें शानदार खेल दिखाते हुए कोई अतिरिक्त रन नहीं दिया। गौरतलब है कि चैम्पियंस ट्रॉफी में बांग्लादेश के शानदार प्रदर्शन के पीछे बल्लेबाजों के साथ गेंदबाजों का भी अहम योगदान रहा है। उनके गेंदबाजों ने पिछले कुछ समय से विदेशी जमीन पर भी सटीक लाइन और लेंथ रखी है। स्पिनर और तेज गेंदबाज दोनों को इसका श्रेय जाना चाहिए।