2007 के वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ ग्रुप स्टेज के मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन भारतीय टीम का ये फैसला जल्द ही बांग्लादेश के गेंदबाजों ने गलत साबित कर दिया। भारतीय टीम को बांग्लादेश के तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों को खेलने में काफी दिक्कत हुई। भारतीय टीम का ऊपरी क्रम फ्लॉप हो गया और 72 रनों तक 4 विकेट गिर गए। मशरफे मुर्तजा ने अच्छी गति के साथ गेंद को स्विंग कराया, इसके बाद मोहम्मद रफीक की शानदार स्पिन ने भारतीय टीम को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया। भारतीय टीम की तरफ से सौरव गांगुली ने 129 गेंदों पर 66 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली, वहीं युवराज सिंह ने 58 गेंदों पर 47 रन बनाकर भारतीय टीम को सम्मानजनक स्कोर तक ले जाने की कोशिश की लेकिन रफीक, रज्जाक और गेंदबाजी पर वापस लगाए गए मुर्तजा ने 2 विकेट चटकाकर भारतीय टीम की पारी को संभलने नहीं दिया। मुर्तजा ने 38 रन देकर 4 विकेट चटकाए। जिसका नतीजा ये हुआ कि भारतीय टीम 200 रन भी नहीं बना पाई और 191 रनों पर सिमट गई। बांग्लादेश के सामने लक्ष्य छोटा था लेकिन ये स्कोर आसान नहीं था। भारतीय टीम में कई अच्छे गेंदबाज थे लेकिन ओपनर तमीम इकबाल ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उन्होंने 51 रनों की पारी खेली। तमीम इकबाल का मुशफिकुर रहीम और शाकिब-अल-हसन ने अच्छा साथ दिया। दोनों बल्लेबाजों ने 56 और 53 रनों की अच्छी पारी खेली। बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने धीमी बल्लेबाजी के लेकिन अंत में उन्होंने लक्ष्य हासिल कर लिया। पार्ट टाइम गेंदबाज वीरेंद्र सहवाग ने आखिर में 2 विकेट जरुर निकाले लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और बांग्लादेश ने भारत को हराकर टूर्नामेंट में बड़ा उलटफेर कर दिया था।