2007 के वर्ल्ड कप में लीग मुकाबलो में भारत और बरमूडा जैसी टीमों को हराने के बाद बांग्लादेश की टीम के हौसले बुलंद थे। बल्लेबाजी के लिए मुफीद पिच पर पहले बैटिंग करने उतरी बांग्लादेश को आंद्रे नेल ने शुरुआती झटके दिए। बांग्लादेश की टीम महज 84 रनों पर 4 विकेट गंवाकर मुश्किल में आ गई। लेकिन इसके बाद मोहम्मद अशरफुल ने समझदारी से बल्लेबाजी की। पहले उन्होंने आफताब अहमद के साथ मिलकर 76 रनों की साझेदारी की। इसके बाद निचले क्रम में रन गति को बनाए रखा। बांग्लादेश की तरफ से अशरफुल सबसे आखिर में आउट होने वाले बल्लेबाज रहे। लेकिन पवेलियन लौटने से पहले उन्होंने 87 रनों की शानदार पारी खेली। आखिर के ओवरो में मशरफे मुर्तजा ने 16 गेंदों पर ताबड़तोड़ 25 रन बनाकर बांग्लादेश को सम्मानजक स्कोर तक पहुंचाया। इन दोनों बल्लेबाजों की शानदार बैटिंग की बदौलत बांग्लादेश ने 251 रनों का अच्छा स्कोर खड़ा किया। साउथ अफ्रीका की तरफ से आंद्रे नेल ने शानदार गेंदबाजी की और 45 रन देकर 5 विकेट चटकाए। हालांकि गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन पर साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों ने पानी फेर दिया। 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की शुरुआत बेहद खराब रही और 87 रनों तक आते-आते उसके 6 विकेट गिर गए। लेफ्ट ऑर्म गेंदबाज सैय्यद रसेल ने दक्षिण अफ्रीका के टॉप ऑर्डर को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया। बाकी बचा काम स्पिनर शाकिब अल हसन और अब्दुर रज्जाक ने पूरा कर दिया। साउथ अफ्रीका के लिए ऑलराउंडर शान पोलक ने थोड़ी उम्मीद जरुर जगाई लेकिन उनके रन आउट होने के बाद प्रोटियाज की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई। हालांकि गिब्स एक छोर पर 56 रन बनाकर नाबाद रहे लेकिन दूसरी तरफ से उन्हे किसी भी बल्लेबाज का साथ नहीं मिला। साउथ अफ्रीका की पूरी पारी 184 रनों पर सिमट गई और इस तरह से बांग्लादेश ने एक और ऐतिहासिक जीत दर्ज की। अब्दुर रज्जाक ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट चटकाए।