ऐसे दिग्गज जिन्होंने 100 से ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने के बाद भी लिए सिर्फ़ एक विकेट

सीमित ओवर क्रिकेट के विपरीत टेस्ट क्रिकेट विशेषज्ञ खिलाड़ियों का खेल है और प्रत्येक खिलाड़ी टीम में अपनी विशेषज्ञता के आधार पर टीम में अपनी जगह बनाता है चाहे वो गेंदबाज़ हो या बल्लेबाज़। टेस्ट मैच में प्रत्येक टीम अपने विशेषज्ञ खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरती है और हर खिलाड़ी की भूमिका अच्छी तरह निर्धारित होती है। ऐसे में टेस्ट मैच के दौरान अगर कोई विशेषज्ञ बल्लेबाज़ गेंदबाज़ी में हाथ आज़माये, ऐसा काफी कम देखने को मिलता है। लेकिन कई ऐसे बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने 100 से ज़्यादा टेस्ट मैच खेले और कई रिकॉर्ड बनाए लेकिन गेंदबाज़ी में सिर्फ एक विकेट लेने में कामयाब हुए।

Ad

राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़ क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। भारतीय टीम में रहते हुए उन्होंने शीर्ष क्रम से लेकर निचले क्रम तक बल्लेबाज़ी और टीम में किसी विशेषज्ञ विकेटकीपर के ना होने पर विकेटकीपिंग तक की है। राहुल द्रविड़ क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। भारतीय टीम में रहते हुए उन्होंने शीर्ष क्रम से लेकर निचले क्रम तक बल्लेबाज़ी और टीम में किसी विशेषज्ञ विकेटकीपर के ना होने पर विकेटकीपिंग तक की है। 2002 में विंडीज के ख़िलाफ चौथे टेस्ट में सौरव गांगुली ने उन्हें गेंद थमाई थी। द्रविड़ ने अपने पर दिखाए भरोसे को टूटने नहीं दिया और शिवनारायण चंद्रपॉल और रिडले जैकब्स (118) के बीच 166 रन की सांझेदारी को तोड़ा। उस समय शानदार फॉर्म में चल रहे रिडले जैकब्स को उन्होंने लक्ष्मण के हाथों कैच आउट करवाया था। असल में, एंटीगुआ के सेंट जॉन मैदान के निर्जीव विकेट ने गांगुली को भारतीय टीम के सभी ग्यारह सदस्यों से गेंदबाज़ी कराने के लिए मजबूर कर दिया था। ग़ौरतलब है कि द्रविड़ ने अपने वनडे करियर में भी गेंदबाज़ी की है और 4 विकेट अपने नाम किये हैं।

सुनील गावस्कर

youtube-cover
Ad

भारत के महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने अपने क्रिकेट करियर में 125 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 34 शतकों सहित 10122 रन बनाए हैं। गेंदबाज़ी में भी उन्होंने हाथ आज़माया है और टेस्ट मैच की 29 पारियों में उन्होंने कुल 380 गेंदें की हैं। पाकिस्तान के 1978-79 दौरे में कप्तान बिशन सिंह बेदी ने गेंदबाज़ी के लिए 'सनी' को बुलाया और वह पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज़ ज़हीर अब्बास (96) का विकेट लेने में सफल रहे। गावस्कर ने उन्हें चेतन चौहान के हाथों कैच आउट कराकर अपने क्रिकेट करियर का पहला विकेट लिया था। वहीं वनडे में भी गावस्कर ने केवल एक विकेट ही लिया है। इससे और भी दिलचस्प बात यह है कि यह विकेट भी जहीर अब्बास का ही था।

ब्रेंडन मैकुलम

ब्रेंडन मैकुलम को सबसे पहले, किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को तहस नहस करने के लिए जाना जाता है। दूसरा, वह न्यूज़ीलैंड के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं। इस विस्फोटक बल्लेबाज़ ने 101 टेस्ट में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है और अपने 14 साल के क्रिकेट करियर में उन्होंने 54 गेंदों में सबसे तेज टेस्ट शतक लगाया है। अपने करियर की शुरुआत में एक बड़े हिस्से के लिए भी विकेट लिए रहे, यह निश्चित रूप से इस सूची में उन्हें देखने के लिए आश्चर्यजनक है।2014 में पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे टेस्ट में सरफराज अहमद और राहत अली के बीच आखिरी विकेट के लिए हुई रिकार्ड सांझेदारी को उन्होंने सरफ़राज़ अहमद (112) का विकेट लेकर तोड़ा था, जो कि टेस्ट क्रिकेट में उनका एकमात्र विकेट था।

डेविड गॉवर

करिश्माई इंग्लिश बल्लेबाज और पूर्व कप्तान डेविड गॉवर ने 117 टेस्ट मैचों में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया और कुल 8231 रन बनाये हैं।उन्होंने 15 साल के अपने क्रिकेट जीवन में केवल 36 गेंदों को गेंदबाजी की है। 1 9 82 में भारत के दौरे पर, इंग्लैंड के कप्तान कीथ फ्लेचर ने उन्हें कानपुर टेस्ट में गेंद थमाई और गॉवर ने ऑलराउंडर कपिल देव को 116 रनों पर कैच आउट कराकर अपना पहला और एकमात्र विकेट हासिल किया। हालाँकि मैच ड्रा पर समाप्त हुआ लेकिन निश्चित रूप से डेविड गॉवर के लिए यह मैच यादगार बन गया।

मार्क टेलर

एक बेहतरीन सलामी बल्लेबाज, एक भरोसेमंद क्षेत्ररक्षक और एक सफल कप्तान, मार्क टेलर ऑस्ट्रेलिया टीम के महान खिलाड़ी थे। उन्होंने 104 टेस्ट मैचों में बेहतरीन 7525 रन बनाए हैं और 157 कैच पकड़ने का रिकार्ड भी उनके नाम दर्ज है। इन आंकड़ों के बाद उन्हें गेंदबाज़ी में अपनी क्षमता साबित करने की ज़रूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने अपने करियर में दो दफा गेंदबाज़ी की है। 1994 में पाकिस्तान के खिलाफ रावलपिंडी टेस्ट में विकेटकीपर को छोड़ कर हर खिलाड़ी ने गेंदबाज़ी की थी। इसी क्रम में मार्क टेलर ने भी गेंदबाज़ी में हाथ आज़माया और उस समय बेहतरीन फॉर्म में चल रहे राशिद लतीफ़ को माइकल बेवन के हाथों कैच आउट कराकर अपना पहला और एकमात्र विकेट हासिल किया।

मार्क बाउचर

मार्क बाउचर दुनिया के सबसे महान विकेटकीपरों में से एक है। एक क्रिकेटर के रूप में बाउचर दक्षिण अफ़्रीकी टीम के अभिन्न सदस्य रहे हैं। 1997 से 2012 के बीच फैले अपने 15 साल के लंबे करियर में उन्होंने अपनी टीम के लिए कई मैच विजेता पारियां खेली हैं। बाउचर ने अपने करियर में रिकार्ड 1000 खिलाड़ियों को पवेलियन वापिस भेजा, जिसमें 999 को विकेट के पीछे (स्टंप) और एक को विकेट के आगे (गेंदबाज़ के तौर पर) आउट किया। 2005 में सेंट जॉन्स में विंडीज के खिलाफ चौथे टेस्ट में, दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी 588-7 पर घोषित की थी। घरेलू पिच पर विंडीज़ ने 235 ओवरों में 747 रन बना डाले थे। क्रिस गेल ने उस मैच में 317 रन बनाये थे और और वह मैन ऑफ द मैच रहे थे। इस मैच में दक्षिण अफ़्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ ने टीम के सभी सदस्यों से गेंदबाज़ी करवाई थी। अपने दूसरे ओवर में बाउचर ड्वेन ब्रावो (107) का विकेट लेने में कामयाब रहे थे जो उनके लिए एक यादगार है।

इयान बेल

youtube-cover
Ad

इयान बेल ने 2004 से 2015 के बीच इंग्लैंड के लिए 118 टेस्ट मैचों में शिरकत की है और 42.69 की औसत से 7727 रन बनाए हैं। इस सूची के कुछ अन्य खिलाड़ियों के विपरीत, बेल ने अपने टेस्ट करियर में 18 ओवरों की गेंदबाज़ी की है। 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद टेस्ट में, उन्हें कप्तान माइकल वॉन ने मोहम्मद यूसुफ और इंजमाम-उल-हक के बीच एक बढ़ती साझेदारी को तोड़ने के लिए गेंद थमाई थी और इस मध्यम तेज़ गेंदबाज ने अपने कप्तान को निराश नहीं किया। बेल ने अपनी गेंद पर ही यूसुफ का शानदार कैच पकड़ कर इस सांझेदारी को तोड़ा था और यह उनका पहला और एकमात्र टेस्ट विकेट था।इसके अलावा उन्होंने 6 वनडे मैचों में गेंदबाजी की है, और 3/9 उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा रहा है।

एलेस्टेयर कुक

youtube-cover
Ad

एलेस्टेयर कुक का टेस्ट करियर शानदार रहा है और उन्होंने 154 टेस्ट मैचों में 12000 से अधिक रन बनाए और जिसमें 32 शतक शामिल हैं।गेंदबाज़ी की बात करें तो कुक ने अपना पहला टेस्ट विकेट 2014 में भारत के खिलाफ नॉटिंघम में लिया था। मैच को ड्रॉ की ओर बढ़ते देख, कुक ने मैच के अंतिम दिन के आखिरी ओवर में गेंदबाजी करने का फैसला किया और इशांत शर्मा जो समय क्रीज़ पर जमे हुए थे, को विकेटकीपर मैट प्रायर के हाथों कैच आउट कराकर इंग्लैंड को मैच जीता दिया था। निश्चित रूप से कुक लिए यह टेस्ट हमेशा के लिए यादगार बन गया होगा।

डेज़मंंड हेन्स

डेज़मंड हेन्स दाएं हाथ के बेहतरीन बल्लेबाज़ थे जिन्होंने विंडीज को कई घरेलू और अंतराष्ट्रीय मैचों में जीत दिलाई। उन्होंने विंडीज के लिए 116 टेस्ट मैचों में शिरकत की और केवल 3 ओवरों की गेंदबाजी की। 1980 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर टेस्ट में विंडीज़ कप्तान क्लाइव लॉयड ने उन्हें गेंद थमाई और अपने एकमात्र ओवर में उन्होंने पाकिस्तान के तेज गेंदबाज सरफराज नवाज को जोएल गार्नर के हाथों कैच आउट कराकर अपना एकमात्र टेस्ट विकेट लिया। लेखक: कुशाग्रा अग्रवाल अनुवादक: आशीष कुमार

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications