फ़िनिशर की भूमिका अदा करना सबसे मुश्किल ज़िम्मेदारी : महेंद्र सिंह धोनी

भारतीय क्रिकेट टीम के सीमित ओवर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दुनिया का सबसे बेहतरीन फ़िनिशर माना जाता है। पिछले 11 सालों से टीम इंडिया के इस बल्लेबाज़ ने फ़िनिशर की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठा रखी है। लेकिन न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मौजूदा सीरीज़ के चौथे मैच में धोनी अपने ही घर रांची में फ़्लॉप रहे जिसका ख़ामियाज़ा भारत को हार के साथ चुकाना पड़ा। धोनी मानते हैं कि फ़िनिशर होना और नंबर-5, 6 या 7 पर आकर बल्लेबाज़ी करना बेहद कठिन है। फ़िनिशर बनने के लिए एक क्रिकेटर को जल्द से जल्द विकेट और खेल की परिस्थिति के मुताबिक़ ख़ुद को ढालना पड़ता है, और वह तभी मुमकिन है जब आप एक ‘कंपलीट’ क्रिकेटर हों। ''निचले क्रम में आकर बल्लेबाज़ी करना आसान काम नहीं, और ख़ास तौर से रांची की तरह धीमी विकेट पर ये एक बेहद मुश्किल भूमिका हो जाती है। एक एक रन लेते हुए साझेदारी बनाने और छोर बदलने का दबाव भी रहता है। हमेशा कोई ऐसा बल्लेबाज़ ढूंढ पाना आसान नहीं जो आपके लिए नंबर-5, 6 या 7 पर लगातार रन बनाए और टीम को जीत तक ले जाए।'' : एम एस धोनी धोनी पिछले दो मैचों से नंबर-4 पर आ रहे हैं और उन्होंने इस बात का संकेत भी दे दिया है कि वह अब नंबर-4 पर ही ज़्यादा खेलेंगे। ऐसे में जब उनसे ये पूछा गया या कि टीम इंडिया में नए फ़िनिशर के तौर पर आप किसको देख रहे हैं, इस पर माही ने सीधे तौर पर कुछ कहने से बचते नज़र आए। ''भारत की बेजान और धीमी पिचों पर रनों का पीछा करते हुए निचले क्रम में आकर रन बनाना आसान नहीं है। युवाओं पर आपको भरोसा दिखाना होगा और उन्हें थोड़ा समय देने की ज़रूरत है। उन्हें इन परिस्थितियों में जितना खेलने को मिलेगा, वह उतना परिपक्व होंगे और ख़ुद ही इसके आदि हो जाएंगे और एक बेहतरीन फ़िनिशर बन सकते हैं।'' :एम एस धोनी