क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने डेड बॉल को लेकर बड़ा बयान दिया है। सचिन तेंदुलकर का मानना है कि गेंदबाजी की तरह ही बल्लेबाजी टीम पर भी मैच के दौरान खेल के नियमों का उल्लघंन करने के लिए 7 रन का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। सचिन तेंदुलकर की यह टिप्पणी शनिवार को यहां मुंबई टी-20 लीग के दूसरे सेमीफाइनल में हुए विवाद के बाद सामने आई है।
दरअसल, शनिवार को सोबो सुपरसोनिक और आकाश टाइगर्स मुंबई वेस्टर्न सबर्ब के बीच सेमीफाइनल मैच चल रहा था। 15वें ओवर की समाप्ति में सोबो सुपरसॉनिक टीम बिना किसी नुकसान के 158 रन बना चुकी थी। उसी समय टीम के सलामी बल्लेबाज हर्ष टैंक को क्रैंप की शिकायत हुई। 15वें ओवर की आखिरी गेंद पर दूसरे बल्लेबाज जय बिस्टा ने एक रन लिया। इस हिसाब से अगले ओवर में उनको स्ट्राइक पर होना चाहिए था लेकिन हर्ष ने स्ट्राइक ली और पहली ही गेंद पर आउट हो गए। उनके आउट होने के बाद अंपायरों ने इस पर ध्यान दिया कि बल्लेबाजों ने छोर में कोई बदलाव नहीं किया था इसलिए इसे डेड बॉल करार दिया गया।
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि जब बल्लेबाज अपने संबंधित छोर पर नहीं जाते हैं, तो बल्लेबाजी करने वाली टीम पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाता है?" मुझे लगता है कि बल्लेबाजी पक्ष को भी दंडित किया जाना चाहिए।
तेंदुलकर ने कहा कि ऑन-फील्ड अंपायरों की गलती को चिंह्नित करना ऑफ-फील्ड मैच अधिकारियों का कर्तव्य था। अंपायरों ने बल्लेबाजों को नहीं बताया। उन्होंने कहा कि आज की तकनीक के साथ तीसरा या चौथा अंपायर लेग-अंपायर के साथ बातचीत करने की स्थिति में होना चाहिए और उसे बताना चाहिए कि स्ट्राइकर को गैर-स्ट्राइकर के अंत में होना चाहिए।
सचिन ने कहा कि बल्लेबाजी करने वाली टीम को इसके लिए सजा दी जानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छोर बदल दिए जाएं।
Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं।