बीसीसीआई ने रणजी प्रारूप में बदलाव के लिए वीरेंदर सहवाग का सुझाव माना

आगामी रणजी सीजन के लिए बीसीसीआई ने प्रारूप में बदलाव कर दिया है। इस बार चार ग्रुप में टीमों को 7-7 के हिसाब से बांटा गया है। पहले तीन ग्रुप में 9-9 टीम हुआ करती थी। इसके अलावा बोर्ड ने यह भी सुनिश्चित किया है कि हर टीम पहले की तुलना में 2 मैच कम खेलेगी इससे कार्यभार भी कम हो जाएगा। मैच कम होने से तेज गेंदबाजों का बोझ ख़ास तौर से कम हो जाएगा। बीसीसीआई ने पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग के उस प्रस्ताव को भी मान लिया है, जिसमें यह कहा गया था कि मैचों के बीच में कम से कम चार दिन का गैप होना चाहिए। बोर्ड में मौजूद सूत्रों के अनुसार "हर ग्रुप में 7 टीम होने से टूर्नामेंट में शानदार तरीके से संतुलन बना रहेगा। सबसे अहम बात यह है कि इससे गेंदबाजों पर काम का बोझ मैनेज करने में मदद मिलेगी, खासकर तेज गेंदबाजों पर। सहवाग की सलाह ध्यान में रखते हुए इस बार हमने हर मैच में लगातार 4 दिन का अन्तराल रखा है। इससे गेंदबाजों को अगले मैच के लिए रिकवर होने में मदद मिलेगी। इससे पहले रणजी में एक गेंदबाज को जीतने वाले मैच सहित 12 मुकाबले खेलने होते थे और यह भी कुछ ही महीनों में करना होता था। इस कार्यभार को 2 मैच घटाकर कम कर दिया गया है।" गौरतलब है कि रणजी ट्रॉफी का नया सीजन पिछले वर्ष की तुलना में अलग होने वाला है। बीसीसीआई ने पिछले साल तटस्थ स्थानों पर मैच कराने का फ़ॉर्मूला अपनाया था। घरेलू टीमों के मैच दूर कराने का टेस्ट उस समय किया गया था। आईसीसी के 2019 में होने वाले विश्वकप को ध्यान में रखते हुए बोर्ड फिटनेस मामलों पर भी ध्यान केन्द्रित करते हुए यही चाहता है कि हर खिलाड़ी चयन के लिए फिट हों और जरुरत पड़ने पर टीम में लेने योग्य फिटनेस रखता हो। वर्कलोड कम होने के बाद फिटनेस जैसी समस्याओं से निजात पाने में खिलाड़ियों को खासी मदद मिलेगी।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications