भारतीय क्रिकेट बोर्ड 7 मई को होने वाली विशेष जनरल बैठक के बाद आईसीसी को एक 'कारण बताओ' नोटिस भेजने पर विचार कर रहा है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार आईसीसी में बीसीसीआई एक याचिका भेजेगा जिसमें यह कहा जाएगा कि वह सदस्यों की हिस्सेदारी वाले समझौते के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते। वे गवर्निंग बॉडी के जवाब का भी इंतजार करेंगे।यह भी कहा जा रहा है कि जब तक आईसीसी को बोर्ड की तरफ से नोटिस नहीं भेजा जाएगा, तब तक ना तो प्रबंधन समिति और ना ही बीसीसीआई के ऑफिस अधिकारी चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए टीम चयन के सम्बन्ध में कोई कदम उठाएंगे। बीसीसीआई की विशेष जनरल मीटिंग में यह फैसला भी नहीं होगा कि टीम इण्डिया चैम्पियंस ट्रॉफी में खेलेगी अथवा बाहर हो जाएगी। जो लोग इन सब चीजों के जानकार हैं, उनके अनुसार कारण बताओ नोटिस भेजना काफी होगा और यह 100 फीसदी भेजा जाना तय है।
आईसीसी मीटिंग में बोर्ड की अनदेखी के बाद से क्रिकेट जगत से जुड़े हितधारकों की नजरें इस ओर थी कि बीसीसीआई का नोटिस कब आ जाए। इन हितधारकों में चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए आईसीसी का ग्लोबल ब्रॉडकास्टर भी शामिल है। सभी यह देख रहे थे कि आगे भारत का क्या फैसला आता है। तकनीकी रूप से नोटिस मिलने के बाद आईसीसी जनादेश इसे अपनी विवाद समिति के पास मध्यस्थता के लिए भेजेगी। इसमें आईसीसी चेयरमैन और पीड़ित बोर्ड यानि बीसीसीआई को शामिल किया जाएगा।
मसले के जानकार एक अधिकारी ने इस पर कहा "अगर बोर्ड नोटिस नहीं भेजता है तो यह माना जाएगा कि वे आईसीसी और उसके चेयरमैन शशांक मनोहर द्वारा प्रस्तावित बातों से सहमत है और अपना अपराध मानते हैं।"गौरतलब है कि 26 अप्रैल को आईसीसी की सदस्य देशों के साथ मीटिंग हुई थी। इसमें बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी ने बदलावों से सम्बंधित बातों का उल्लेख करने वाला एक कागज़ आईसीसी के कार्यवाहक लीगल हेड इयान हिगिंस को सौंपा था। जिसे बाद में चेयरमैन शशांक मनोहर तक पहुंचाया गया और उन्होंने बिना वोटिंग कराये ही इसे नजरअंदाज करते हुए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।बीसीसीआई की आगे की कार्रवाई तक टीम इंडिया की घोषणा नहीं हो पाएगी और चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत द्वारा हिस्सा लेने या नहीं लेने की बातें चलती रहेगी।
Published 30 Apr 2017, 17:27 IST