अंडर 16 टीमों के लिए भारत के टूर्नामेंट विजय मर्चेंट ट्रॉफी में बीसीसीआई ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की होगी। बोर्ड ने उम्र पार कर चुके खिलाड़ियों को भी खेलने की अनुमति प्रदान की है। ऐसे इसलिए किया गया है क्योंकि पिछले दो सालों में कोरोना वायरस के कारण खेल नहीं हुआ था, ऐसे में खिलाड़ियों की उम्र ज्यादा हुई है।
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार बोर्ड ने ऐसे 60 खिलाड़ियों की पहचान की है जिनकी उम्र 16.5 वर्ष से ज्यादा पाई गई है। राज्य संघों को लिखे गए पत्र में बोर्ड ने बताया है कि कई खिलाड़ियों के अस्थि परीक्षण में उम्र ज्यादा पाई गई है। कुछ राज्य संघों ने 16.5 की सीमा को रिव्यू करने का आग्रह किया है क्योंकि इन चार महीनों में हुई देरी के लिए खिलाड़ियों की कोई गलती नहीं है।
बीसीसीआई इस बात को लेकर असमंजस में थी कि क्या अंडर 16 के लिए टूर्नामेंट का आयोजन करना चाहिए या नहीं क्योंकि इस उम्र ग्रुप के लिए फ़िलहाल वैक्सीन की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में जोखिम लेकर टूर्नामेंट कराने के बारे में बोर्ड विचार किया।
हाल ही में भारत सरकार ने 15 साल से ऊपर के नाबालिगों को टीका लगाने की अनुमति देने का फैसला किया है। हालांकि यह अभियान 3 जनवरी से ही शुरू होगा। इस साल प्रतियोगिता आयोजित करना बीसीसीआई के लिए एक बड़ा टेस्ट हो सकता है। टूर्नामेंट पिछले साल आयोजित नहीं किया गया था।
कोरोना वायरस के कारण भारत में क्रिकेट खासा प्रभावित रहा था। ऐसे में अंडर 16 के अधिक आयु खिलाड़ियों के लिए बोर्ड का फैसला सराहनीय कहा जा सकता है। दो सालों में टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हुआ था। इसके अलावा भी घरेलू क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हो पाया था।