आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप के दौरान भी हितों के टकराव का मामला सामने आ रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और मोहम्मद कैफ जैसे कई पूर्व क्रिकेटरों से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) या कमेंट्री में से किसी एक को चुनने को कहा है। सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर समेत कई पूर्व खिलाड़ी विश्वकप में कमेंट्री कर रहे हैं, जबकि आईपीएल में भी सब अलग-अलग भूमिकाएं निभा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) जब से बनी है, तब से यह मामला बार-बार उठाया जा रहा है। एक न्यूजपेपर की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी डीके जैन ने आंतरिक हितों के टकराव के मामले में शिकायत की थी। अब उन्होंने एक बार फिर पूर्व क्रिकेटरों की दोहरी भूमिका पर प्रश्न चिह्न लगाने शुरू कर दिए हैं। डीके जैन ने कहा कि ये क्रिकेटर्स लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को नहीं मान रहे हैं। मालूम हो कि इसके परिणामस्वरूप राहुल द्रविड़ ने दिल्ली डेयरडेविल्स में मेंटर की भूमिका छोड़ी थी। उसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें भारत ए और अंडर-19 कोच के रूप में नया अनुबंध दे दिया था।
विश्वकप में कई पूर्व भारतीय क्रिकेटर्स कमेंट्री कर रहे हैं। इसमें हरभजन सिंह चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाड़ी, सचिन तेंदुलकर मुंबई इंडियंस से जुड़े, वीवीएस लक्ष्मण सनराइजर्स हैदराबाद, सौरव गांगुली और मोहम्मद कैफ दिल्ली कैपिटल्स से जुड़े हुए हैं। इससे पहले सचिन तेंदुलकर ने सीएसी का हिस्सा बनने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जब तक बोर्ड उनके साथ संदर्भ की शर्तों पर सहमत नहीं होगा, तब तक वह बीसीसीआई की किसी समिति के सदस्य नहीं रहेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई की बात मानकर क्या सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली सहित पूर्व भारतीय क्रिकेटर आईपीएल या कमेंट्री में से किसी एक को चुनेंगे या फिर आदेशों को दरकिनार कर दोनों ही चीजें जारी रखेंगे।
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