बीते दिनों यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर दुनियाभर में "मी टू" अभियान बहुत प्रचलित हुआ था। भारत में बॉलीवुड में इसका सबसे ज्यादा असर देखा गया था। वहां एक के बाद एक हुए खुलासों ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को स्तब्ध कर दिया था। हालांकि, जानकारों ने कहा कि सिर्फ यह बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि हर जगह है। अब यौन उत्पीड़न का मामला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के वरिष्ठ अधिकारी पर लगा है, जिससे सब हैरान हैं। यौन उत्पीड़न के आरोपों का हवाला देकर एक वकील ने बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी की निरंतरता को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
रश्मि नायर नाम की महिला कार्यकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए कहा कि बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन को जौहरी के खिलाफ लगाए गए यौन आरोपों पर दोबारा ध्यान देना चाहिए। जौहरी का हरेक संगठन में रंगीन इतिहास रहा है। उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों से वह बचकर निकलने में सफल रहे हैं। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया कि इस मामले की जांच बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन को क्यों नहीं सौंपी गई?
याचिका में कहा गया कि टीम की जांच पूरी करने के बाद उसके सदस्यों में मतभेद पैदा हो गए थे। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राकेश शर्मा, वीना गौड़ और बरखा सिंह में से एक सदस्य ने जौहरी को दोषी पाया था। फिर भी मामले में जौहरी को आरोपों से बरी कर दिया गया। रश्मि नायर ने याचिका में उन तीन महिलाओं का हवाला दिया है, जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि तीनों महिलाएं बयान देने के लिए आई थीं लेकिन किसी कारण से एक महिला ने बयान नहीं दिया, जबकि दो अन्य ने जौहरी के खिलाफ बयान दिया था। वहीं, वीना गौड़ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बर्मिंघम में जौहरी का आचरण बीसीसीआई जैसी संस्था के सीईओ के रूप में उचित नहीं है। यह संस्था की प्रतिष्ठा को प्रभावित करेगा। इस पर संबंधिन अधिकारियों द्वारा ध्यान दिया जाना चाहिए।
Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं।