श्रीसंत के बैन मामले पर बीसीसीआई ने केरल हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने श्रीसंत के बैन मसले पर केरल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। आपको बता दें केरल हाईकोर्ट ने बीसीसीआई को श्रीसंत के ऊपर से आजीवन प्रतिंबध को हटाने को कहा था। इसी साल फरवरी में श्रीसंत ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी थी। इससे पहले बीसीसीआई ने श्रीसंत को स्कॉलैंड में क्रिकेट लीग में खेलने के लिए एनओसी नहीं दी थी। जिसके बाद श्रीसंत ने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अपनी याचिका में श्रीसंत ने कहा कि साल 2015 में ट्रॉयल कोर्ट ने दिल्ली पुलिस द्वारा उन पर और च्वहाण और चंदीला के ऊपर लगाए गए आरोपों से मुक्त कर दिया था। इसके बाद अगस्त में केरल हाईकोर्ट के जस्टिस ए मुहम्मद मुश्ताक ने श्रीसंत की याचिका को स्वीकार करते हुए बीसीसीआई को बैन हटाने का आदेश दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि श्रीसंत के खिलाफ ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है। इसलिए बीसीसीआई को श्रीसंत के ऊपर से बैन हटा लेना चाहिए। हालांकि अदालत के आदेश के बावजूद बीसीसीआई ने श्रीसंत के ऊपर से प्रतिबंध नहीं हटाया और कहा कि हम इस आदेश को चुनौती देंगे, और अब इस आदेश को बीसीसीआई ने चुनौती दी है। इसको लेकर बीसीसीआई ने सोमवार को केरल हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की है। घरेलू सीजन में वापसी के इन्तजार में श्रीसंत के लिए यह सही खबर नहीं कही जा सकती, उन्हें अब कुछ समय और इन्तजार करना पड़ेगा। वे केरल हाईकोर्ट के फैसले से खुश थे। उन्होंने इसके बाद कहा भी था कि उनका प्लान अगले छह वर्षों तक खेलने का है। श्रीसंत भारत की तरफ से 2019 विश्व कप में भी खेलना चाहते हैं

गौरतलब है कि 2013 आईपीएल के दौरान श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स के उनके दो अन्य साथी अजित चंदेला और अंकित चौहान पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। बीसीसीआई ने इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद दिल्ली की अदालत द्वारा बरी होने पर भी बीसीसीआई से राहत नहीं मिलने के कारण उन्होंने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और वहां उन्हें राहत मिली।
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